राज्यसभा सभापति जल्द ही विपक्षी सांसदों द्वारा सदन में किए गए अनियंत्रित व्यवहार पर करेंगे कार्रवाई
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों द्वारा किए गए अनियंत्रित व्यवहार का मामले की जांच होगी।मामले में राज्यसभा सभापित जल्द कार्रवाई कर सकते हैं। वह सदन में पिछली कार्रवाई को मॉनिटर कर रहे हैं। जानें और क्या कार्रवाई कर सकते हैं सभापति।
नई दिल्ली, एएनआइ। राज्यसभा में विपक्षी सांसदों द्वारा किए गए अनियंत्रित व्यवहार का मामले की जांच होगी।मामले में राज्यसभा सभापित जल्द कार्रवाई कर सकते हैं। वह सदन में पिछली कार्रवाई को मॉनिटर कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यह मामला या तो विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया जाएगा है या एक नई समिति का गठन पर भी विचार किया जा रहा है।
बता दें कि शोरशराबे व हुडदंग की घटनाओं के बीच संसद का मानसून सत्र तय समय से दो दिन पहले की समाप्त हो चुका है और सत्ता-पक्ष विपक्ष पहले दिन से ही सत्र को ठप करने का मन चुका था। फिर भी बार-बार समझाने की कोशिश हुई। नेताओं से संपर्क साधे गए,लेकिन विपक्ष ने विरोध के क्रम में शीशा तोड़ने, सदन की मेज पर चढ़कर वीडियो बनाने, धक्कामुक्की करने जैसे आपत्तिजनक कृत्य किए, जिसके लिए उन्हें दंड़ मिलना चाहिए। राज्यसभा ने इसके लिए एक दिन पहले अपील भी की थी।
गुरुवार को जहां विपक्ष ने सरकार को घेरा, वहीं सरकार के आठ मंत्रियों -पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, प्रह्लाद जोशी, भूपेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, मुरलीधन और अर्जुनराम मेघवाल ने आरोपों को ना सिर्फ खारिज किया,बल्कि यह साबित करने का प्रयास किया कि विपक्ष ने संसदीय मर्यादाओं को कुचलने का निम्नतम स्तर पार कर दिया।
इस दौरान राहुल गांधी को भी करारा जवाब दिया गया। प्रह्लाद जोशी ने उन्हें देश से माफी मांगने को भी कहा। इसके साथ ही मुख्तार अब्बास ने कहा कि कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष चोरी और सीनाजोरी जैसा आचरण कर रहा है। मंत्री ने कहा था कि विपक्ष को डर सता रहा है कि उन्हें इस आचरण का दंड भुगतना पडेगा।
इस दौरान अनुराग ठाकुर और भूपेंद्र यादव ने कहा था कि दो दिन पहले जिस तरह से विपक्ष दलों ने टेबल पर चढ़कर वीडियो, बनाया उसकी कोई माफी नहीं हो सकती है। विरोध करने का तरीका होता है, लेकिन उन्हें उपद्रव करना था।