बड़ा कदम: बेटियों के गुनाहगारों की अब खैर नहीं, यौन अपराधियों की कुंडली तैयार

केंद्र सरकार ने देश महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार और यौन अपराध के मामलो को देखते हुए ये रिकॉर्ड जुटाने का काम किया है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 02:30 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 02:30 PM (IST)
बड़ा कदम: बेटियों के गुनाहगारों की अब खैर नहीं, यौन अपराधियों की कुंडली तैयार
बड़ा कदम: बेटियों के गुनाहगारों की अब खैर नहीं, यौन अपराधियों की कुंडली तैयार

नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्र सरकार ने देश में यौन अपराध और महिला सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। भारत आज से दुनिया के उन नौ देशो में शामिल होने जा रहा है। जहां यौन हिंसा और अपराध से जुड़े अपराधियों का एक अलग डाटाबेस होगा। नेशनल डाटाबेस ऑफ सेक्सुअल ऑफेंडर्स (NDSO ) का डाटाबेस तैयार किया है। गृह मंत्रालय के ट्विटर हैंडल से इस बात की जानकारी दी गयी है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह इसको लॉन्च करेंगे।

केंद्र सरकार ने देश महिलाओं के साथ हो रहे बलात्कार और यौन अपराध के मामलो को देखते हुए ये रिकॉर्ड जुटाने का काम किया है। इस तरह के अपराध में जो लोग शामिल हैं उनका फोटो, पता, डीएनए, आधार कार्ड, फिंगर प्रिंट्स, पैन कार्ड से जुड़ी जानकारी को रखा जायेगा। यौन अपराध से जुड़े अपराधियों को तीन भागों में बांटा गया है। इस तरह के अपराध में शामिल लोगों का रिकॉर्ड देश भर की जेलों से इकठ्ठा किया गया है। इसमें पहली बार अपराध में शामिल लोगों से लेकर बार-बार अपराध करने वाले लोगों का रिकॉर्ड रखा गया है। गृह मंत्रालय के अंतर्गत नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (NCRB ) द्वारा डाटाबेस तैयार किया जायेगा। एनसीआरबी ही देश की विभिन्न जांच एजेंसियों को डाटा उपलब्ध कराएगा।

पहले कैटेगिरी में शामिल अपराधियों का डाटा 15 साल तक रखा जायेगा। इस श्रेणी में वो अपराधी शामिल होंगे जो पहली बार इस तरह से अपराध में शामिल हैं। दूसरी कैटेगिरी में शामिल अपराधियों का डाटा 25 साल तक रखा जायेगा। तीसरी कैटेगिरी में शामिल अपराधियों का डाटा आजीवन रखा जायेगा। इस श्रेणी में बार-बार इस तरह के अपराध को अंजाम देने वाले सीरियल ऑफेंडर्स को शामिल किया जायेगा।

भारत के अलावा दुनिया के आठ देशो में इस तरह के अपराध में दोषी लोगों का डाटाबेस तैयार है। इन देशो में केवल अमेरिका ही एकमात्र देश है जहां आम लोग भी इस डाटाबेस को एक्सेस कर  सकते हैं।  अन्य सात देशो यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड, दक्षिण अफ्रीका,  न्यूजीलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो में यौन अपराध में शामिल लोगों का डाटा केवल जांच एजेंसी ही इस तरह के रिकॉर्ड तक पहुंच सकती हैं। यह रिकॉर्ड आम लोगो की पहुंच से बाहर है।

भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध की स्थिति

एनसीआरबी के मुताबिक  भारत में 2015 के मुक़ाबले 2016 महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में 3 फीसद का इज़ाफ़ा हुआ है। 2015 के मुक़ाबले 2016 दुष्कर्म के मामले में 12 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

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