अफगानिस्तान समेत कई मुद्दों पर राजनाथ ने की अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन से बातचीत

Rajnath Singh अफगान संकट के बाद भारत और अमेरिका काफी करीब आए हैं। इस दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन के साथ गर्मजोशी से टेलीफोन पर बातचीत हुई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 06:17 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 10:35 AM (IST)
अफगानिस्तान समेत कई मुद्दों पर राजनाथ ने की अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन से बातचीत
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अफगान संकट के बाद भारत और अमेरिका काफी करीब आए हैं। हाल ही में अमेरिका का पाकिस्‍तान के प्रति सख्‍त रुख भी एक बड़ा संकेत दे रहा है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद गंभीर होते हालात के बीच अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से सोमवार को फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के मुद्दों के साथ-साथ भारत और अमेरिका के बीच आपसी रक्षा सहयोग के मसलों पर भी चर्चा की।

फोन पर हुई वार्ता में आपसी रक्षा सहयोग के मसलों पर भी चर्चा

राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री से फोन पर हुई अपनी चर्चा की जानकारी ट्विटर पर साझा करते हुए कहा कि आस्टिन से उनकी बातचीत गर्मजोशी से हुई। इस दौरान हमने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा की। रक्षा मंत्री के अनुसार, क्षेत्रीय मामलों पर चर्चा के क्रम में अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर भी बातचीत हुई। दोनों रक्षा मंत्रियों ने इस दरम्यान आपसी संवाद के इस सिलसिले को जारी रखने और भारत-अमेरिका साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति जताई।

ज्ञात हो कि पीएम नरेंद्र मोदी 24 सितंबर को वाशिंगटन में क्वाड समूह की बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद वह 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र की एक उच्च स्तरीय बैठक को भी संबोधित करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन खुद 24 सितंबर को व्यक्तिगत मौजूदगी वाले पहले क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे।

अफगानिस्‍तान और चीन की आक्रामकता का मुद्दा छाया रहेगा

ये बातचीत अंतरराष्‍ट्रीय कूटनीति के लिहाज से महत्‍वपूर्ण मानी जा रही है। क्‍वाड शिखर सम्‍मेलन में अफगानिस्‍तान और चीन की आक्रामकता का मुद्दा छाया रहेगा। अफगानिस्‍तान में तालिबान की वापसी और पाकिस्‍तान का तालिबान सरकार के साथ खुलकर आना बदलते अंतराष्‍ट्रीय परिदृय की ओर इशारा कर रहे हैं।

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