बसपा विधायकों के विलय पर सुनवाई टली, स्पीकर के वकील बोले- अभी विधानसभा का एजेंडा तय नहीं

राजस्थान में बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या कल विधानसभा में विश्वासमत पर मतदान है?

By TaniskEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 02:56 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 12:30 AM (IST)
बसपा विधायकों के विलय पर सुनवाई टली, स्पीकर के वकील बोले- अभी विधानसभा का एजेंडा तय नहीं
बसपा विधायकों के विलय पर सुनवाई टली, स्पीकर के वकील बोले- अभी विधानसभा का एजेंडा तय नहीं

नई दिल्ली, जेएनएन। राजस्थान स्पीकर ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अभी विधानसभा का एजेंडा तय नहीं है। राजस्थान विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी एजेंडा तय करने के लिए शुक्रवार को दस बजे बैठक करेगी। सभी दलों का प्रतिनिधित्व इस बैठक में होगा। कोर्ट ने छह बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय के मामले मे गुरुवार को कोई भी अंतरिम आदेश नहीं दिया और सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी।

बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल कर राजस्थान में बसपा के कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों का मतदान का अधिकार निलंबित करने की मांग की है। मामले में गुरुवार को कोर्ट से अंतरिम आदेश मांगा गया जिस पर कोर्ट ने स्पीकर की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल से कहा कि वह पता करके बताएं कि क्या शुक्रवार को सदन के एजेंडे में विश्वास मत पर मतदान होना है। कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा नहीं है तो फिर तत्काल मामले में कोई अंतरिम आदेश देने की जरूरत नहीं है।

सिब्बल ने पता करके कोर्ट को बताया कि अभी सदन का एजेंडा तय नहीं है एडवाइजरी कमेटी की शुक्रवार को सुबह 10 बजे बैठक होनी है, जिसमें एजेंडा तय होगा। इसके बाद सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट में शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई अंतरिम आदेश देने से मना करते हुए मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए टाल दी साथ ही कहा कि इस बीच जो ट्रांजेक्शन होगा वह कोर्ट के फैसले के आधीन होगा।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को  छह विधायकों को इस बात की अनुमति प्रदान कर दी कि वे उनके खिलाफ हाईकोर्ट में लंबित याचिका को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का अनुरोध करने वाली याचिका वापस ले लें। बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर कांग्रेस में विलय करने वाले इन छह विधायकों को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित करने का अनुरोध करते हुए भाजपा विधायक मदन दिलावर ने राजस्थान हाई कोर्ट में अर्जी दी है। उनका कहना है कि इन विधायकों ने अपनी पार्टी के व्हिप का उल्लंघन किया है। यह याचिका हाई कोर्ट में विचाराधीन है। 

 

दिलावर ने राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी

इस दौरान विधायकों की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि उन्हें याचिका वापस लेने का निर्देश दिया गया है। इस पर पीठ ने याचिका खारिज कर दी। शीर्ष अदालत ने इसी मामले से जुड़ी दिलावर की एक याचिका पर भी सुनवाई की। दिलावर ने इन छह विधायकों के कांग्रेस सदस्यों के रूप में काम करने पर रोक लगाने का अनुरोध ठुकराने वाले राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। 

 क्या है मामला

बता दें  कि पिछले साल सितंबर में बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायक राजेंद्र गुढ़ा,जोगेंद्र सिंह अवाना,संदीप कुमार,वाजिब अली,लाखन सिंह व दीपचंद की विधानसभा सदस्यता रद करने को लेकर भाजपा विधायक मदन दिलावर ने स्पीकर के समक्ष याचिका दायर की थी, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी याचिका रद कर दी। इसके बाद अध्यक्ष ने इस साल मार्च में सभी विधायकों के कांग्रेस में विलय को मंजूरी भी दे दी।

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