राजस्थान में सियासी उथलपुथल तेज, गहलोत और पायलट को एसओजी का नोटिस

संकट के संकेत तीन निर्दलीय विधायकों पर एसओजी ने दर्ज किया केस। दो अन्य की गिरफ्तारी-मुख्यमंत्री गहलोत बोले-हमारी सरकार गिराने की कोशिश भाजपा का जवाब-पहले अपना घर संभालें।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 09:22 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 02:42 PM (IST)
राजस्थान में सियासी उथलपुथल तेज, गहलोत और पायलट को एसओजी का नोटिस
राजस्थान में सियासी उथलपुथल तेज, गहलोत और पायलट को एसओजी का नोटिस

जयपुर, जेएनएन। राजस्थान में राज्यसभा चुनाव के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर शुरू हुई सियासत ने अब उथलपुथल बढ़ा दी है। खरीद-फरोख्त में शामिल होने के आरोप में तीन निर्दलीय विधायकों के खिलाफ केस और दो अन्य की गिरफ्तारी के बाद दिनभर कांग्रेस-भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। रात होते-होते कांग्रेस के 16 विधायक मानेसर के होटल और पांच के दिल्ली पहुंच जाने से गहलोत सरकार संकट में आती दिख रही है। इनमें कुछ निर्दलीयों के भी शामिल होने की सूचना है।

वहीं एसओजी की ओर से गहलोत व पायलट को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है। पूछताछ के लिए नोटिस जारी होने पर राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट नाराज चल रहे हैं। यहां यह भी देखने वाली बात है कि एसओजी ने पूछताछ के लिए सीएम अशोक गहलोत को भी चिट्ठी भेजी है। धारा 160 के तहत एसओजी ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। एसओजी की ओर से बताया गया है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मामले के बारे में विस्तार से पूछा जाएगा ना कि किसी किस्म की पूछताछ होगी। बताया जा रहा है कि नाराज सचिन पायलट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ये मिलकर अपना पक्ष रखना चाहते हैं। हालांकि सीएम गहलोत ने कहा है कि पार्टी में मनभेद नहीं मतभेद है।

सीएम गहलोत ने बुलाई मंत्रिमंडल की बैठक

इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रात में अचानक मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई। इसके बाद तीन विधायकों को सहयोगियों की सूची से बाहर कर दिया गया। उधर, दिन में गहलोत ने आरोप लगाया कि हमारी सरकार गिराने की कोशिश की जा रही। कांग्रेस विधायकों को 25-25 करोड़ का लालच दिया गया है। जयपुर में चल रही राजनीतिक गतिविधियों के बीच उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शनिवार को ही दिल्ली पहुंच गए। वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। उदयपुर व ब्यावर से शुक्रवार देर रात विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में दो लोगों को पकड़ने के बाद शनिवार को जयपुर लाया गया।

यहां एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) के अधिकारियों ने इनकी आवाज के सैंपल लेने के बाद गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उनसे पूछताछ की गई। बताया जाता है कि एसओजी ने गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों के फोन पिछले दो सप्ताह से सर्विलांस पर रखे थे। इनकी रिकॉíडंग में सामने आया कि ये किसी से कह रहे हैं कि गहलोत और पायलट में झगड़ा है। 30 जून के बाद हालात बदलेंगे। ऐसे में विधायकों की खरीद-फरोख्त पर अच्छी कमाई हो सकती है। दो हजार करोड़ रुपये तक की कमाई हो सकती है। ये बातचीत विधायक रमिला खड़िया व महेंद्र मालवीय से होने की बात कही जा रही है। इसके बाद सियासी हलचल बढ़ गई।

उधर, विधायक रमीला खडि़या ने कहा कि मुझसे किसी भाजपा नेता ने संपर्क नहीं किया। यह सब गलत है। हम जन्मजात कांग्रेसी हैं। इस मामले में एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक अशोक राठौड़ ने कहा कि अवैध हथियार व तस्करी से जुड़े लोगों पर निगरानी रखते हुए दो मोबाइल नंबर सर्विलांस पर रखे गए तो गहलोत सरकार को अस्थिर करने व विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात सामने आई।

केंद्रीय मंत्री ने कसा तंज

राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने तंज कसते हुए कहा कि अशोक गहलोत साहब ने जब मुख्यमंत्री की शपथ ली थी उस समय की प्रेस कांफ्रेंस में सचिन पायलट ने कहा था बीजेपी वाले कह रहे थे कि मुख्यमंत्री कब मिलेगा, आज राजस्थान को दो मुख्यमंत्री मिल गए हैं। उसी से अशोक गहलोत को समझ लेना चाहिए था कि कांग्रेस ने 2 मुख्यमंत्री दिए हैं जैसा सचिन पायलट खुद कह रहे थे। और ये सत्ता के दो केंद्र हो गए। सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री होने के साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। ये दो केंद्र अशोक गहलोत संभाल नहीं पा रहे हैं।

इस्तीफे की थीं अटकलें

मंत्रिमंडल की बैठक से पूर्व यह कयास लगाए जाते रहे कि सीएम गहलोत मंत्रियों के इस्तीफे ले सकते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। मंत्रिमंडल की बैठक में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट मौजूद नहीं थे। बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि हम भाजपा को तोड़फोड़ में कामयाब नहीं होने देंगे। मंत्रिमंडल में फेरबदल का अधिकार मुख्यमंत्री को है। मंत्रिमंडल की बैठक से पूर्व गहलोत ने जयपुर में मौजूद तीन निर्दलीय विधायकों एवं बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक राजेंद्र गुढा व जोगेंद्र अवाना से चर्चा की। उधर, कांग्रेस विधायक दल ने उन तीन निर्दलीय विधायकों को पार्टी की समर्थन सूची से बाहर कर दिया है, जिनके खिलाफ एसीबी ने मामला दर्ज किया है। इनमें ओमप्रकाश हुडला, सुरेश टांक व खुशबीर सिंह जोजावर शामिल हैं।

एसीबी ने खुद जांच के बाद मामला दर्ज किया

राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने तीन निर्दलीय विधायकों ओमप्रकाश हुड़ला, खुशबीर ¨सह जोजावर एवं सुरेश टांक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इन तीनों विधायकों पर आदिवासी इलाकों के कांग्रेस विधायकों से संपर्क करने का आरोप है। एसीबी के महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने कहा कि एसीबी ने स्वत: जांच के बाद मामला दर्ज किया है।

-भाजपा ने सारी हदें पार कर दी हैं। एक तरफ हम कोरोना से ¨जदगी बचाने में जुटे हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के लोग सरकार गिराने में। बकरा मंडी में जिस तरह से बकरे बिकते हैं, वैसे विधायकों की बोली लगाई गई। 15 से 25 करोड़ विधायकों की बोली लगाई गई है। प्रलोभन देकर सरकार गिराने की अब की साजिश राज्यसभा चुनाव के वक्त से कहीं बड़ी है, लेकिन हमारी सरकार स्थिर है।

-अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री

-नाकामियों से ध्यान हटाने के लिए राजस्थान सरकार पैंतरेबाजी कर रही है। खरीद-फरोख्त के जो आरोप हैं, वह भाजपा को बदनाम करने की साजिश है। गहलोत एसओजी का दुरुपयोग कर रहे हैं । विधायकों व मंत्रियों के फोन टैप किए जा रहे हैं, जो गलत है। यह सरकार अंतर्कलह की शिकार है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तकरार सार्वजनिक है।

-सतीश पूनिया, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष

200 सदस्यीय विस की दलीय स्थिति

पार्टी                सदस्य

कांग्रेस             101

राष्ट्रीय लोकदल    01

निर्दलीय            13

बसपा                06 (पार्टी के चुनाव चिह्न पर जीते थे, मगर बाद कांग्रेस में शामिल हो गए । )

भाजपा              - 72

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी - 3

भारतीय ट्राईबल पार्टी - 2

माकपा                   - 2

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