मैं किसी विचारधारा से समझौता कर सकता हूं, पर आरएसएस और भाजपा से नहीं : राहुल गांधी

अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा भाजपा और आरएसएस से अलग है। एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में मैं अन्य विचारधाराओं के साथ समझौता कर सकता हूं लेकिन भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के साथ नहीं।

By TaniskEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 05:08 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 05:40 PM (IST)
मैं किसी विचारधारा से समझौता कर सकता हूं, पर आरएसएस और भाजपा से नहीं : राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी। (फोटो- एएनआइ)

नई दिल्ली, एजेंसियां। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे  अपने फायदे के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं। राहुल ने यहां अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की विचारधारा भाजपा और आरएसएस से अलग है। एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में, मैं अन्य विचारधाराओं के साथ समझौता कर सकता हूं, लेकिन भाजपा और आरएसएस की विचारधारा के साथ नहीं।

बता दें कि राहुल गांधी राजधानी दिल्ली में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के नए लोगो अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा और संघ पर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने कहा कि देवी लक्ष्मी सबको लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करती हैं और देवी दुर्गा सबकी रक्षा करती हैं। उनकी पार्टी ने जब सत्ता में थी तो उसने इन शक्तियों को मजबूत किया था। सत्तारूढ़ भाजपा ने इन शक्तियों को कमजोर कर दिया है।

राहुल ने यह भी कहा कि लक्ष्मी और दुर्गा महिला सशक्तिकरण की प्रतीक हैं और सरकार नोटबंदी, जीएसटी, कृषि कानूनों और महंगाई के जरिए उन्हें कमजोर किया है। सरकार की नीतियों का नतीजा है कि दीवाली नजदीक आ रही है, लेकिन लोगों की जेब खाली है। उन्होंने आरएसएस पर नारी शक्ति की अनदेखी करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि कांग्रेस ने एक महिला प्रधानमंत्री दिया है।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि भाजपा-आरएसएस के लोग कहते हैं कि वे हिंदू पार्टी हैं। पिछले 100-200 वर्षों में, महात्मा गांधी वह व्यक्ति हैं जिन्होंने हिंदू धर्म को समझा और उसका पालन किया। हम इसे पहचानते हैं और इसी तरह भाजपा और आरएसएस के लोग भी। अगर महात्मा गांधी ने अपना पूरा जीवन हिंदू धर्म को समझने में लगा दिया, तो गोडसे ने उन्हें क्यों मारा। यह एक विरोधाभास है और आपको इसके बारे में सोचना होगा।

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