राहुल गांधी बोले, पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खुश, चाहते हैं संसद में चर्चा

पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि वे इस फैसले से खुश हैं लेकिन चाहते हैं कि इस पर संसद में चर्चा हो।

By TaniskEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 05:21 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 05:21 PM (IST)
राहुल गांधी बोले, पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से खुश, चाहते हैं संसद में चर्चा
पेगासस जासूसी मामले को लेकर राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा।

नई दिल्ली, एजेंसियां। पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। इसके बाद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और कहा कि वे कोर्ट की आदेश से खुश हैं, लेकिन चाहते हैं कि संसद में इसपर चर्चा हो। उन्होंने कहा कि संसद में हमने पेगासस का मुद्दा उठाया था। पेगासस देश पर, देश के संस्थानों पर एक हमला है। हमने 3 सवाल पूछे थे पेगासस को किसने खरीदा, इसे कोई प्राइवेट पार्टी नहीं खरीद सकती, इसे सरकार ही खरीद सकती है। किन लोगों पर इसे इस्तेमाल किया गया था। क्या पेगासस का डेटा किसी और देश के पास भी था या सिर्फ भारत सरकार के पास था। हमें जवाब नहीं मिला। ये देश के लोकतंत्र पर आक्रमण है।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि विपक्ष मिलकर एक साथ खड़ा हुआ। हम इस मुद्दे को फिर से संसद में उठाएंगे। हम कोशिश करेंगे कि संसद में बहस हो। उन्हें यकीन है कि भाजपा इस पर बहस करना पसंद नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि पेगासस का इस्तेमाल मुख्यमंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों, भाजपा के मंत्रियों सहित अन्य के खिलाफ किया गया था। क्या पेगासस का इस्तेमाल डेटा प्राप्त करने के लिए किया गया? अगर ऐसा है तो यह एक आपराधिक कृत्य है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारत में कुछ लोगों की कथित जासूसी के लिए इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के  उपयोग की जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों का एक तीन सदस्यीय पैनल नियुक्त किया। चीफ जस्टिस आफ इंडिया (CJI) एनवी रमना की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ और जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हेमा कोहली ने रिटार्ड जज जस्टिस आरवी रवींद्रन की देखरेख में तीन सदस्यीय समिति को आरोपों की शीघ्रता से जांच करने और अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा। कोर्ट इस मामले पर आठ हफ्ते बाद फिर सुनवाई करेगी। तकनीकी समिति में डा नवीन कुमार चौधरी, डा प्रभारण पी और डा अश्विन अनिल गुमस्ते शामिल होंगे।

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