Pulwama Terror Attack: सर्वदलीय बैठक में आंतक के खिलाफ दिखी सभी राजनीतिक दलों में एकजुटता
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया कि उन्होंने बैठक में एक बार फिर पार्टी का रुख स्पष्ट कर किया। हम इस संकट की घड़ी में देश और सरकार के साथ खड़े हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पुलवामा हमले को लेकर देश के आक्रोश को भांपते हुए सभी राजनीतिक दलों ने शनिवार को एकजुट होकर आंतकवाद को पूरी तरह से नष्ट करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। एकमत से प्रस्ताव भी पारित किया गया, लेकिन सीधे तौर पर कहीं भी पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने पुलवामा में हुई घटना और उसके बाद उठाए गए कदमों की जानकारी दी साथ ही सांप्रदायिक सदभाव बनाए रखने की भी बात दोहराई।
बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी राजनीतिक दलों को भरोसा दिलाया कि वह हमले की कड़ा जवाब देंगे। साथ ही बताया कि जम्मू-कश्मीर की जनता अमन चाहती है, लेकिन पड़ोसी देश लगातार इसे खत्म करने पर तुला हुआ है। जो सीमापार से आतंकियों को भेजकर लगातार ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहा है।
बैठक में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को हमले से जुड़ी जानकारियों को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया गया। इस दौरान सीआरपीएफ के आला अधिकारी भी मौजूद रहे।
बैठक में शिवसेना का सुर सबसे अलग था जिसने साफ किया कि पाकिस्तान के साथ युद्ध ही विकल्प है। जबकि विपक्ष के अधिकतर दलों ने इसे आखिरी विकल्प करार दिया। इस पर जरूरत दृढ़ता थी कि देश को करारा जवाब देना चाहिए। बैठक मे मौजूद फारूख अब्दुल्ला ने कश्मीरियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और कहा कि आतंकवाद सिर्फ गोलियों से खत्म नहीं हो सकता है।
बैठक में कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा, माकपा के डी राजा, लोजपा से राम विलास पासवान, रालोसपा से उपेंद्र कुशवाहा, राजद से जय प्रकाश नारायण मौजूद थे। बताते हैं कि कुछ शब्दों के संशोधन के बाद प्रस्ताव को पारित एकमत से पारित कर दिया गया। वैसे एक दो सदस्यों ने खुफिया जानकारी के बावजूद हुई घटना पर सवाल भी उठाया।
सर्वदलीय बैठक में यह प्रस्ताव किए गए पारित
1- दुख की इस घड़ी में हम सभी देशवासियों और शहीद परिवारों के साथ खड़े है।
2- सीमा पार से समर्थित आतंकवाद की हम कड़े शब्दों में निंदा करते है।
3- पिछले तीन दशकों से भारत सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है। इस लड़ाई में पूरा देश एकजुट है। हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों के साथ पूरी ताकत के साथ खड़े है।
किसने क्या कहा
अगली स्ट्राइक असली पाकिस्तान में करने की जरूरत है। सर्जिकल स्ट्राइक तो पीओके में किया जाता है।
- संजय राउत, शिवसेना।
मैने मांग की है, कि प्रधानमंत्री जी को सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों के अध्यक्षों की बैठक बुलानी चाहिए और उनके साथ विचार विमर्श करना चाहिए। सभी दलों ने इस मांग का समर्थन भी किया है। 1947 के बाद से अब तक युद्ध को छोड़कर पहली ऐसा घटना है, जिसमें एक साथ इतने सुरक्षा बलों की मौत हुई है। हम सरकार के साथ पूरी तरह है।
-गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस।
सर्वदलीय बैठक में ये रेजॉल्यूशन हुआ पास
पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को दिल्ली बुलाया गया
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान स्थित अपने उच्चायुक्त को बुलाया है। पुलवामा में अटैक के मद्देनजर भारत हाई कमिश्नर अजय बिसारिया को दिल्ली बुलाया है। यही नहीं पुलवामा हमले के गुनहगारों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्पष्ट चेतावनी के बाद विदेश सचिव ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब कर गहरा विरोध दर्ज कराया है।