33 साल बाद आ रही नई शिक्षा नीति को कल खुद परखेंगे प्रधानमंत्री मोदी

नई शिक्षा नीति को फिलहाल यह अंतिम रूप एक लंबे विचार-विमर्श के बाद दिया गया है। इसके तहत अलग-अलग स्तर पर नीति को लेकर लोगों से राय ली गई थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 10:07 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 10:07 PM (IST)
33 साल बाद आ रही नई शिक्षा नीति को कल खुद परखेंगे प्रधानमंत्री मोदी
33 साल बाद आ रही नई शिक्षा नीति को कल खुद परखेंगे प्रधानमंत्री मोदी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रस्तावित नई शिक्षा नीति को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद परखेंगे। 33 साल के बाद इस नीति को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय बुधवार को प्रधानमंत्री के सामने प्रजेंटेशन देगा। ऐसे में यदि प्रधानमंत्री की सहमति मिली, तो नीति जल्द ही देश के सामने आ सकती है। इससे पहले 1986 में राष्ट्रीय नई नीति लायी गई थी। फिलहाल मौजूदा समय में इसी नीति को थोड़े बदलावों के बाद आगे रखकर शिक्षा का खाका खींचा जा रहा है।

नई शिक्षा नीति नए भारत का निर्माण सुनिश्चित करेगी

इस बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मंगलवार को दिन भर प्रस्तावित नीति के अंतिम रुप को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की। इस बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने बैठक को लेकर कुछ ट्वीट भी किए और कहा कि केवल शिक्षा में ही वह क्षमता है, जो किसी राष्ट्र को वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित कर सकता है। नई शिक्षा नीति नए भारत का निर्माण सुनिश्चित करेगी। इस बीच प्रस्तावित नई शिक्षा नीति का फोकस रोजगारपरक शिक्षा की ओर रखा गया है।

गुणवत्तापरक शिक्षा पर जोर

वैसे भी भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को देखते हुए वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़े होने के बाद सबसे ज्यादा जरूरत कुशल कामगारों की होगी। इसमें गुणवत्तापरक शिक्षा पर भी जोर दिया गया है। हालांकि सरकार ने इस दिशा में तेजी से प्रयास शुरु कर दिए है। जिसके तहत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री को शिक्षा नीति को लेकर यह प्रजेंटेशन कैबिनेट की बैठक के बाद दिया जाएगा।

नई शिक्षा नीति को दिया गया अंतिम रूप

नई शिक्षा नीति को फिलहाल यह अंतिम रूप एक लंबे विचार-विमर्श के बाद दिया गया है। इसके तहत अलग-अलग स्तर पर नीति को लेकर लोगों से राय ली गई थी। जिसमें दो लाख से ज्यादा लोगों से अपने सुझाव दिए थे। हालांकि इसके सब के साथ मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री के सामने नीति के अमल का भी एक पूरा खाका पेश किया जाएगा। मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार की बैठक में इसे लेकर भी चर्चा की है।

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