पीएम मोदी का बड़ा हमला, कहा- तेल और पानी के मेल जैसा है महागठबंधन, कुछ काम का नहीं बचेगा

अगले तीन महीनों में चार अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव है जिसे भाजपा और सरकार के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 12 Aug 2018 10:19 PM (IST) Updated:Mon, 13 Aug 2018 07:46 AM (IST)
पीएम मोदी का बड़ा हमला, कहा- तेल और पानी के मेल जैसा है महागठबंधन, कुछ काम का नहीं बचेगा
पीएम मोदी का बड़ा हमला, कहा- तेल और पानी के मेल जैसा है महागठबंधन, कुछ काम का नहीं बचेगा

प्रशांत मिश्र, नई दिल्ली। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के रूप और स्वरूप को लेकर जहां कथित सहयोगी दलों ने ही आशंकाएं बढ़ा दी हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे 'तेल और पानी का मेल बताते हैं जिसमें न तेल काम का बचता है और न ही पानी किसी योग्य।'

पिछले चार साल का रिकार्ड दिखाते हुए प्रधानमंत्री कहते हैं कि लोगों ने विकास व आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए राज्य दर राज्य भाजपा पर भरोसा जताया है। इतना ही नहीं 'विपक्ष को भी हमारी लोकप्रियता पर इतना भरोसा है कि उन्हें पता चल गया है कि वह अकेले दम हमारे खिलाफ नहीं लड़ सकते हैं।'

अगले तीन महीनों में चार अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव है जिसे भाजपा और सरकार के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। लिंचिंग, आरक्षण, विकास, रोजगार जैसे कई मुद्दों को विपक्ष धार दे रहा है और यह दावा किया जा रहा है कि महागठबंधन सरकार के पैर बांधने में कामयाब होगा। ऐसे में दैनिक जागरण को दिए गए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर सवाल का जवाब दिया। महागठबंधन पर पूछे गए सवाल का जवाब वह कुछ शायरी के अंदाज में देते हैं और कहते हैं-

''महागठबंधन तेल और पानी के मेल जैसा है,
इसके बाद न तो पानी काम का रहता है,
न तेल काम का होता है,
और न ही ये मेल,
यानी ये मेल पूरी तरफ फेल।'

एक लंबे साक्षात्कार में मोदी कहते हैं इन पार्टियो के पास जनता के सामने स्वयं को साबित करने के लिए बहुत समय था। लेकिन ये भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद, कुशासन से कभी बाहर नहीं निकले। आज लोग जान गए हैं कि जाति, वर्ग, समुदाय और धर्म आधारित उनका चुनावी अंकगणित 'हमारी विकास की केमिस्ट्री' का सामना नहीं कर सकता है। वह डरे हुए हैं। उन्हें पता है कि जनता भी देख रही है कि वह भयभीत हैं और एकदूसरे का साथ लेकर केवल खड़े होने की कसरत कर रहे हैं। ऐसे दल पर आखिर कोई भरोसा करे भी तो कैसे जो खुद निर्भीक नहीं है। वह दूसरों को क्या संबल दे सकता है। दूसरी ओर राजग मजबूत गठबंधन है। यह गठबंधन मजबूरी का नहीं है। यही कारण है कि लोगों को भरोसा है।

ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री पहले भी सदन के अंदर विपक्ष के इस भय पर हमला कर चुके हैं। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भी उन्होंने खासतौर से कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए परोक्ष तौर पर दूसरे दलों को आगाह किया था। बाबा साहेब अंबेडकर से लेकर प्रणव मुखर्जी तक का जिक्र करते हुए कहा था कि कांग्रेस ने कभी किसी का साथ नहीं दिया। केवल विश्वासघात किया। तेल और पानी के मेल का संदर्भ देते हुए भी उन्होंने इसी पहलू को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री ने 2019 में बड़ी जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि जनता को विकास चाहिए। उनके सपने हैं और वह जानती है कि इसे पूरा केवल भाजपा और राजग सरकार ही कर सकती है। ऐसे करोड़ों परिवार हैं जो सकारात्मक बदलाव को महसूस कर रहे हैं। जनता ने देखा है कि हमारी सरकार ईमानदार है और कड़ी मेहनत कर रही है। इसीलिए मोदी बनाम महागठबंधन बनाने के सिवा उनके पास कोई चारा नहीं है, लेकिन उस प्रयोग का फेल होना तय है। [ मंगलवार के अंक में पढ़ें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा साक्षात्कार ]।

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