मणिपुर में इनर लाइन परमिट लागू, राष्ट्रपति ने आदेश पर किए हस्ताक्षर

आइएलपी (Inner line Permit Regime) व्यवस्था वाले राज्यों में देश के दूसरे राज्यों के लोगों सहित बाहर के लोगों को अनुमति लेनी पड़ती है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 07:52 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 07:52 PM (IST)
मणिपुर में इनर लाइन परमिट लागू, राष्ट्रपति ने आदेश पर किए हस्ताक्षर
मणिपुर में इनर लाइन परमिट लागू, राष्ट्रपति ने आदेश पर किए हस्ताक्षर

नई दिल्ली, पीटीआइ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दस्तखत करने के साथ इनर लाइन परमिट (Inner line Permit Regime) व्यवस्था बुधवार को मणिपुर (Manipur) में लागू कर दी गई। इसके दो दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने लोकसभा में घोषणा की थी कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के बारे में पूर्वोत्तर के राज्य के लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए मणिपुर में आइएलपी को लागू किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है।

क्या है आइएलपी व्यवस्था 

आइएलपी व्यवस्था वाले राज्यों में देश के दूसरे राज्यों के लोगों सहित बाहर के लोगों को अनुमति लेनी पड़ती है। भूमि, रोजगार के संबंध में स्थानीय लोगों को संरक्षण दिया जाता है। अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम के बाद मणिपुर चौथा राज्य है जहां आइएलपी को लागू किया गया है। बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन 1873 के अंतर्गत आइएलपी व्यवस्था लागू की गई थी। बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन 1873 की धारा दो के तहत अन्य राज्यों के नागरिकों को इन तीनों राज्यों में जाने के लिए आइएलपी की जरूरत पड़ती है। आइएलपी व्यवस्था का मुख्य मकसद मूल आबादी के हितों की रक्षा के लिए तीनों राज्यों में अन्य भारतीय नागरिकों को बसने से रोकना है।

गृह मंत्री ने की थी घोषणा 

विधेयक को लेकर पूर्वोत्तर में हर तरफ विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद गृह मंत्री ने घोषणा की थी कि प्रस्तावित कानून आइएलपी व्यवस्था वाले राज्यों और संविधान की छठी अनुसूची के तहत शासित क्षेत्रों में लागू नहीं होगी। संविधान की छठी अनुसूची के तहत असम, मेघालय और त्रिपुरा के कुछ जनजातीय क्षेत्रों में स्वायत्त परिषद और जिले बनाए गए। स्वायत्त परिषदों और जिलों को कुछ कार्यकारी और विधायी शक्तियां हासिल हैं।

नगालैंड ने दीमापुर को आइएलपी व्यवस्था के तहत लाया

नगालैंड सरकार ने आइएलपी व्यवस्था को दीमापुर तक बढ़ा दिया है। दीमापुर राज्य में एकमात्र व्यावसायिक केंद्र है जहां राज्य के अन्य क्षेत्रों की तरह आइएलपी लागू नहीं था। नौ दिसंबर को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन 1873 की धारा दो के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए और लोगों के हितों का ध्यान रखते हुए नगालैंड के राज्यपाल तत्काल प्रभाव से पूरे दीमापुर जिले को आइएलपी में लाने के लिए सहमत हैं।

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