राष्ट्रपति कोविंद ने किया अरविंद सावंत का इस्तीफा स्वीकार, जावड़ेकर संभालेंगे भारी उद्योग मंत्रालय

मोदी कैबिनेट से शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत के इस्तीफे को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार कर लिया है। कोविंद ने उनके मंत्रालय को प्रकाश जावड़ेकर को सौंप दिया है।

By TaniskEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 11:10 AM (IST) Updated:Tue, 12 Nov 2019 11:40 AM (IST)
राष्ट्रपति कोविंद ने किया अरविंद सावंत का इस्तीफा स्वीकार, जावड़ेकर संभालेंगे भारी उद्योग मंत्रालय
राष्ट्रपति कोविंद ने किया अरविंद सावंत का इस्तीफा स्वीकार, जावड़ेकर संभालेंगे भारी उद्योग मंत्रालय

नई दिल्ली, एएनआइ। मोदी कैबिनेट से शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत के इस्तीफे को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार कर लिया है। बता दें कि सोमवार को भाजपा पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर अरविंद सावंत ने इस्तीफा दे दिया था। मोदी कैबिनेट में भारी उद्योग मंत्री थे। कोविंद ने इस मंत्रालय को प्रकाश जावड़ेकर को सौंप दिया है। 

राष्ट्रपति भवन ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने सावंत के इस्तीफे को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सलाह दी है। उन्होंने कहा कि जावड़ेकर को अतिरिक्त प्रभार दिया जाएगा। इनके पास पहले से ही केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और पर्यावरण। इस बयान में कहा गया कि इसके अलावा, प्रधानमंत्री द्वारा सलाह के अनुसार, राष्ट्रपति ने निर्देश दिया है कि जावड़ेकर को उनके मौजूदा विभागों के अलावा, भारी उद्योग मंत्री प्रभार सौंपा जाए। 

शिवसेना और भाजपा गठबंधन टूटा

सावंत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले एनडीए के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिवसेना के एकमात्र प्रतिनिधि थे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा ने रविवार को महाराष्ट्र में सरकार बनाने में असमर्थता व्यक्त की। इसके बाद राज्यपाल बी.एस. कोशियारी ने शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया। शिवसेना को सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन की दरकार थी। इस दौरान एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन दिया। उसने कहा कि अगर शिवसेना भाजपा से गठबंधन तोड़ देती है तो उसे समर्थन दिया जा सकता है। इसके बाद सावंत ने इस्तीफा दे दिया।

शिवसेना भाजपा गठबंधन टूटा

24 अक्टूबर को आए चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना और भाजपा में सीएम पद को लेकर गतिरोध इतना बढ़ गया कि 30 साल पुराना गठबंधन टूट गया। शिवसेना का कहना है कि चुनाव से पहले भाजपा के साथ समझौते के बाद ही गठबंधन हुआ था। शिवसेना के अनुसार चुनाव से पहले भाजपा से 50-50 फार्मूले पर गठबंधन हुआ था। भाजपा ने इससे साफ इन्कार कर दिया। 

21 अक्टूबर को हुए चुनाव में किसे कितनी सीट मिली

21 अक्टूबर को हुए चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला। इस दौरान 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 54 सीटें मिलीं और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं।

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