केरल में शशि थरूर के खिलाफ शुरू पोस्टर वार, पूर्व करीबी को प्रोजेक्ट करने की कोशिश का आरोप

तिरुवनंतपुरम में शशि थरूर के खिलाफ कुछ पोस्टर दिखे हैं जिसमें आरोप लगा है कि वह तिरुवनंतपुरम जिला पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए अपने एक पूर्व करीबी को प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। जानें और क्या लगे आरोप।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Mon, 23 Aug 2021 02:18 PM (IST) Updated:Mon, 23 Aug 2021 02:18 PM (IST)
केरल में शशि थरूर के खिलाफ शुरू पोस्टर वार, पूर्व करीबी को प्रोजेक्ट करने की कोशिश का आरोप
केरल में शशि थरूर के खिलाफ शुरू पोस्टर वार, पूर्व करीबी को प्रोजेक्ट करने की कोशिश का आरोप

तिरुवनंतपुरम, आइएएनएस। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य शशि थरूर एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। इस बार वह अपनी अंग्रेजी के लिए नहीं बल्कि एक पोस्टर के चलते खबरों में है। तिरुवनंतपुरम में शशि थरूर के खिलाफ कुछ पोस्टर दिखे हैं, जिसमें आरोप लगा है कि वह तिरुवनंतपुरम जिला पार्टी अध्यक्ष के पद के लिए अपने एक पूर्व करीबी को प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे नाराज होकर लोगों ने राजधानी में उनके खिलाफ पोस्टर लगा दिए। 

जो लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से दूर रहा उस पर क्यों जोर दे रहें थरूर

एक अन्य पोस्टर में लिखा था कि, जो लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से दूर रहा है, उसके लिए वह क्यों जोर दे रहे हैं। इसके साथ ही कहा गया है कि क्या वह कांग्रेस के पूर्व शीर्ष नेता पी.सी. चाको की पार्टी छोड़कर राकांपा में शामिल हो गए हैं।

जानें और क्या-क्या लगे आरोप

राजाधानी में लगाए तीन-चार पोस्टरों में यह भी लिखा गया कि थरूर को यह देखने के लिए कहा गया था कि अगर वह चौथे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं तो वह किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र की तलाश करते कर सकते हैं। बता दें  कि थरूर  अपनी पत्नी सुनंदा पुष्कर की अप्राकृतिक मौत के सभी मामलों में बरी हो चुके हैं। इसके बाद ही उनके खिलाफ यह पोस्टर वार शुरू हुआ है।

14 जिला पार्टी प्रमुखों की घोषणा पर तेज होगा पोस्टर वार

रिपोर्ट के मुताबिक, यह पोस्टर वार इसलिए हो रहा है क्योंकि किसी भी समय पार्टी आलाकमान से 14 जिला पार्टी प्रमुखों की घोषणा हो सकती है। संभावना है कि नामों की घोषणा के बाद पोस्टर वार और तेज हो जाए। 

माना जाता है कि पार्टी की केरल इकाई में शशि थरूर को जमीनी स्तर से ज्यादा समर्थन नहीं प्राप्त है। नाम न छापने की शर्त पर एक मीडिया आलोचक ने कहा कि अगर कोई तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट के इतिहास को देखें तो यहां पर सबकुछ अलग हुआ है। यहां पर बड़े नाम के लोग जीतकर सामने आए हैं।

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