पीएम ने कहा- कोरोना के दौर में बुद्ध के विचार और भी अधिक प्रासंगिक, दुनिया को दया और करुणा की जरूरत : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा कि दुनिया कोरोना के असर से जूझ रही है और उसे पहले से कहीं ज्यादा करुणा दया और निस्वार्थता के उपचार की जरूरत है। बौद्ध धर्म द्वारा प्रचारित इन सार्वभौमिक मूल्यों को सभी को अपने विचारों और कार्यों में अपनाने की जरूरत है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 12:26 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 12:26 AM (IST)
पीएम ने कहा- कोरोना के दौर में बुद्ध के विचार और भी अधिक प्रासंगिक, दुनिया को दया और करुणा की जरूरत : राष्ट्रपति
धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने बुद्ध की शिक्षाओं का किया गुणगान

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कोरोना से जूझने के दौरान भगवान बुद्ध के विचार अब और भी प्रासंगिक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने दिखाया है कि बौद्ध धर्म के संस्थापक द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर कैसे सबसे कठिन चुनौती का सामना किया जा सकता है।

आषाढ़ पूर्णिमा के ही दिन भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था

आषाढ़ पूर्णिमा और धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम में अपने संदेश में उन्होंने कहा कि त्रासदी के समय दुनिया ने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं की शक्ति को महसूस किया है। उल्लेखनीय है आषाढ़ पूर्णिमा के ही दिन भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।

पीएम मोदी ने कहा- बुद्ध की शिक्षाओं पर पूरी दुनिया एकजुटता से आगे बढ़ रही

प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध की शिक्षाओं पर पूरी दुनिया एकजुटता से आगे बढ़ रही है। इसमें अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ की 'प्रार्थना के साथ देखभाल' की पहल काबिले तारीफ है।

मोदी ने कहा- शत्रुता को शत्रुता से नहीं प्यार और बड़े दिल से खत्म किया जा सकता है

'धम्म पद' का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि शत्रुता को शत्रुता से खत्म नहीं किया जा सकता। इसे प्यार और बड़े दिल से खत्म किया जा सकता है।

पीएम ने कहा- दुनिया ने त्रासदी के समय में प्रेम और सद्भाव को किया महसूस

उन्होंने कहा कि त्रासदी के समय में, दुनिया ने प्रेम और सद्भाव की इस शक्ति को महसूस किया। जैसे ही भगवान बुद्ध का यह ज्ञान, मानवता का यह अनुभव समृद्ध होता जाएगा, दुनिया सफलता और समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुएगी।

मोदी ने कहा- कार्य और प्रयास के बीच सामंजस्य हमें कष्टों से दूर ले जा सकता है

बुद्ध की शिक्षाओं का हवाला देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे मन, भाषण और संकल्प और हमारे कार्य और प्रयास के बीच सामंजस्य हमें कष्टों से दूर और आनंद की ओर ले जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह हमें अच्छे समय के दौरान सामान्य कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है और कठिन समय का सामना करने की शक्ति देता है।

पीएम ने कहा- भगवान बुद्ध के धम्म से बहने वाला ज्ञान दुनिया के कल्याण का पर्याय

प्रधानमंत्री ने कहा कि बलिदान और धैर्य की अग्नि में तपकर जब भगवान बुद्ध बोलते हैं तो ये केवल शब्द नहीं होते बल्कि धम्म का एक पूरा चक्र शुरू हो जाता है। उनसे बहने वाला ज्ञान दुनिया के कल्याण का पर्याय बन जाता है। यही कारण है कि आज पूरी दुनिया में उनके अनुयायी हैं।

राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा- दुनिया को दया और करुणा की जरूरत 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने शनिवार को कहा कि दुनिया कोरोना के असर से जूझ रही है और उसे पहले से कहीं ज्यादा करुणा, दया और निस्वार्थता के उपचार की जरूरत है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि बौद्ध धर्म द्वारा प्रचारित इन सार्वभौमिक मूल्यों को सभी को अपने विचारों और कार्यों में अपनाने की जरूरत है।

कोविन्द ने कहा- भगवान बुद्ध की शिक्षा मानवता के लिए अमूल्य संदेश

राष्ट्रपति ने एक वीडियो संदेश के जरिये अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आइबीसी) द्वारा आयोजित वार्षिक आषाढ़ पूर्णिमा-धर्म चक्र दिवस को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रपति भवन के एक बयान के अनुसार, कोविन्द ने कहा कि भगवान बुद्ध के अच्छी तरह से प्रलेखित जीवन में मानवता के लिए अमूल्य संदेश हैं।

राष्ट्रपति ने कहा- आज का विश्व भगवान बुद्ध की असीम करुणा से होगा प्रेरित

बयान में कहा गया कि उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज का विश्व भगवान बुद्ध की असीम करुणा से प्रेरित होगा और मानव पीड़ा के सभी स्त्रोतों को दूर करने का संकल्प लेगा। बयान में कहा गया है कि सुबह-सुबह राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन के बगीचे में बोधि वृक्ष का पौधा लगाया।

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