पीएम मोदी बोले- संविधान के लिए समर्पित सरकार विकास में भेद नहीं करती, यह हमने साबित किया

संविधान दिवस 2021 के कार्यक्रम को शुक्रवार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास सबका विश्वास-सबका प्रयास ये संविधान की भावना का सबसे सशक्त प्रकटीकरण है। संविधान के लिए समर्पित सरकार विकास में भेद नहीं करती और ये हमने साबित किया है।

By TaniskEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 06:50 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 07:33 PM (IST)
पीएम मोदी बोले- संविधान के लिए समर्पित सरकार विकास में भेद नहीं करती, यह हमने साबित किया
संविधान दिवस 2021 को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

नई दिल्ली, एजेंसियां। संविधान दिवस 2021 के कार्यक्रम को शुक्रवार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास, ये संविधान की भावना का सबसे सशक्त प्रकटीकरण है। संविधान के लिए समर्पित सरकार विकास में भेद नहीं करती और ये हमने साबित किया है। आज गरीब से गरीब को भी क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर तक वही पहुंच मिल रही है, जो कभी साधन संपन्न लोगों तक सीमित थी। आज लद्दाख, अंडमान और नार्थ ईस्ट के विकास पर देश का उतना ही फोकस है, जितना दिल्ली और मुंबई जैसे मेट्रो शहरों पर है। 

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जब देश का सामान्य मानवी, देश का गरीब विकास की मुख्यधारा से जुड़ता है, जब उसे समान मौके मिलते हैं, तो उसकी दुनिया पूरी तरह बदल जाती है। जब रेहड़ी, पटरी वाले भी बैंक क्रेडिट की व्यवस्था से जुड़ता है, तो उसे राष्ट्र निर्माण में भागीदारी का एहसास होता है। वो करोड़ों लोग जिनके घरों में शौचालय तक नहीं था, ​बिजली के अभाव में अंधेरे में अपनी ज़िंदगी बिता रहे थे उनकी तकलीफ समझकर उनका जीवन आसान बनाने के लिए खुद को खपा देना मैं संविधान का असली सम्मान मानता हूं।

80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त अनाज सुनिश्चचित किया जा रहा

इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में पिछले कई महीनों से 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त अनाज सुनिश्चचित किया जा रहा है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना पर सरकार 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके गरीबों को मुफ्त अनाज दे रही है। अभी कल ही हमने इस योजना को अगले वर्ष मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है। उन्होंने संबोधन की शुरुआत में कहा कि आजादी के लिए जीने-मरने वाले लोगों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों के प्रकाश में और हजारों साल की भारत की महान परंपरा को संजोए हुए, हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें संविधान दिया।

बहुत कुछ किया जाना बाकी

पीएम मोदी ने यह भी कहा, 'जो देश लगभग भारत के साथ आजाद हुए वो आज हमसे काफी आगे हैं, मतलब अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हमारे संविधान में समावेश पर कितना जोर दिया गया है, लेकिन आजादी के इतने दशकों बाद भी बड़ी संख्या में देश के लोग बहिष्करण (Exclusion) को भोगने के लिए मजबूर रहे। लैंगिक समानता की बात करें तो अब पुरुषों की तुलना में बेटियों की संख्या बढ़ रही है। गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में डिलिवरी के ज्यादा अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। इस वजह से माता मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर कम हो रही है।'

औपनिवेशिक मानसिकता को दूर करना होगा

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के आंदोलन में जो संकल्पशक्ति पैदा हुई, उसे और अधिक मजबूत करने में ये औपनिवेशिक मानसिकता बहुत बड़ी बाधा है। हमें इसे दूर करना ही होगा। इसके लिए, हमारी सबसे बड़ी शक्ति, हमारा सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत, हमारा संविधान ही है। दुर्भाग्य यह है कि हमारे देश में भी ऐसी ही मानसिकता के चलते अपने ही देश के विकास में रोड़े अटकाए जाते है। कभी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर तो कभी किसी और चीज का सहारा लेकर।

उपनिवेशवादी मानसिकता विकृतियों को जन्म दे रही

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि पूरे विश्व में कोई भी देश ऐसा नहीं है जो प्रकट रूप से किसी अन्य देश के उपनिवेश के रूप में रहता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उपनिवेशवादी मानसिकता समाप्त हो गई है। हम देख रहे हैं कि यह मानसिकता अनेक विकृतियों को जन्म दे रही है। इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण हमें विकासशील देशों की विकास यात्राओं में आ रही बाधाओं में दिखाई देता है। जिन साधनों से, जिन मार्गों पर चलते हुए, विकसित विश्व आज के मुकाम पर पहुंचा है, आज वही साधन, वही मार्ग, विकासशील देशों के लिए बंद करने के प्रयास किए जाते हैं।

नर्मदा की पानी से कच्छ का विकास हुआ

पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने मां नर्मदा पर सरदार सरोवर डैम जैसे एक डैम का सपना देखा था, पंडित नेहरु ने इसका शिलान्यास किया था। लेकिन ये परियोजना दर्शकों तक अप-प्रचार में फंसी रही। पर्यावरण के नाम पर चले आंदोलन में फंसी रही। न्यायालय तक इसमें निर्णय लेने से हिचकते रहे। लेकिन उसी नर्मदा की पानी से कच्छ का जो विकास हुआ, उससे कच्छ हिंदुस्तान में तेज गति से आगे बढ़ रहे जिलों में से एक बन गया है।

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