पीएम मोदी ने की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन से बातचीत, कोरोना वैक्सीन पर हुई चर्चा

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जॉनसन से महत्वपूर्ण द्विपक्षीय क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बात की। दोनों नेता व्यापार और निवेश सहित सभी क्षेत्रों में भारत-ब्रिटेन के बीच सहयोग की दिशा में काम करने के लिए सहमत हुए।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 09:53 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 09:53 AM (IST)
पीएम मोदी ने की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन से बातचीत, कोरोना वैक्सीन पर हुई चर्चा
पीएम मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जानसन ने की बात। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष बोरिस जानसन के साथ प्रमुख द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बात की। दोनों नेता भारत और ब्रिटेन के बीच सभी क्षेत्रों के सहयोग में बहुत बड़ा बदलाव लाने के लिए सहमत हुए। इन क्षेत्रों में व्यापार एवं निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा और कोविड-19 से संघर्ष भी शामिल हैं।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा है कि महामारी द्वारा पेश चुनौतियों पर शुक्रवार को विचारों का आदान-प्रदान और वैक्सीन के विकास एवं उत्पादन के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के सहयोग की समीक्षा की गई। पीएमओ ने कहा है कि दोनों नेता सहमत हुए कि दोनों तरफ के अधिकारी भारत-ब्रिटेन साझेदारी के लिए तेजी से एक महत्वाकांक्षी दीर्घकालिक रोडमैप तय करने पर अपना काम जारी रखेंगे।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'मेरे मित्र ब्रिटेन के पीएम बोरिस जानसन के साथ अगले दशक में भारत-ब्रिटेन संबंधों के लिए महत्वाकांक्षी रोडमैप पर बेहतर बातचीत हुई। सभी क्षेत्रों, व्यापार एवं निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 से संघर्ष में हमारे सहयोग में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में काम करने पर हम सहमत हुए।'

रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी भारत में ही बनेगी

रूस की स्पूतनिक वी कोरोना वैक्सीन का निर्माण अब भारत में ही किया जाएगा। वैक्सीन निर्माण का काम 2021 से शुरू होगा और हर साल दस करोड़ डोज तैयार होंगी। यह जानकारी भारत की हेटेरो लैब्स लिमिटेड के इंटरनेशनल मार्केटिंग डायरेक्टर मुरली कृष्ण रेड्डी ने दी है। रूस की यह वैक्सीन हेटेरो कंपनी और रूस के प्रत्यक्ष निवेश कोष संयुक्त रूप से तैयार कर रहे हैं।

वैक्सीन परीक्षण में इसके 95 फीसद प्रभावी होने का दावा किया गया है। वैक्सीन परीक्षण का तीसरा दौर संयुक्त अरब अमीरात, वेनेजुएला और बेलारूस में चल रहा है। दूसरे और तीसरे दौर का परीक्षण भारत में भी किया जा रहा है। इस वैक्सीन के निर्माण के लिए एक करोड़ बीस लाख डोज के निर्माण के लिए पचास से ज्यादा देशों से अनुरोध किया गया है।

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