इनसाइड स्टोरी: 3 घंटे चली कश्मीर के नेताओं संग बैठक, पीएम मोदी ने कही 'दिल्ली और दिल की दूरी' कम करने की बात

लगभग दो सालों में केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर के नेताओं के साथ अपनी पहली सीधी बातचीत की। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370(Article 370) हटने के करीब दो साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कश्मीर के नेताओं से 3 घंटे बातचीत की।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 10:53 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 10:53 AM (IST)
इनसाइड स्टोरी: 3 घंटे चली कश्मीर के नेताओं संग बैठक, पीएम मोदी ने कही 'दिल्ली और दिल की दूरी' कम करने की बात
कश्मीर के नेताओं संग 3 घंटे चली पीएम की बैठक।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को 3 घंटे तक बातचीत हुई। जम्मू-कश्मीर पर घाटी के नेताओं का प्रधानमंत्री के साथ मंथन हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ बुलाई गई सर्वदलीय बैठक डेढ़ घंटे के लिए निर्धारित थी लेकिन ये तीन घंटे से अधिक समय तक चली। सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि इस दरान माहौल बहुत सकारात्मक था। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मीटिंग के दौरान कहा कि इस बैठक में हो रही चर्चा देश की क्षेत्रीय अखंडता और भारत के संविधान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है और भारत के लोकतंत्र की ताकत में विश्वास को मजबूत करती है।

पीएम मोदी ने बैठक में इस बात पर जोर दिया है कि नौकरशाही द्वारा चलाई जाने वाली सरकार जन प्रतिनिधियों द्वारा चलाई जाने वाली सरकार का कोई विकल्प नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह 'दिल्ली और दिल की दूरी' को हटाना चाहते हैं। इस बैठक में सभी प्रतिभागियों ने सभी पहलुओं पर स्वतंत्र रूप से अपनी चिंता व्यक्त की और सौहार्दपूर्ण माहौल में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल ने उनकी बातें सुनीं। सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने बैठक में कश्मीरी नेताओं के सामने कश्मीर में हर मौत पर अपना व्यक्तिगत दुख व्यक्त किया, चाहे वह एक निर्दोष नागरिक हो, गुमराह कश्मीरी लड़का हो या सुरक्षाबलों का कोई जवान हो।

सभी नेताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सुरक्षाबल स्वयं स्थिति को नहीं बदल सकते हैं। उन्होंने नेताओं से व्यक्तिगत रूप से जानमाल के नुकसान को रोकने में शामिल होने का आह्वान किया।

परिसीमन और विधानसभा चुनाव पर बातचीत

सूत्रों के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार सभी हितधारकों के सहयोग से परिसीमन प्रक्रिया और उसके बाद विधानसभा चुनाव को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। शाह ने सभी नेताओं से परिसीमन प्रक्रिया को जल्द पूरा करने में मदद करने का भी आग्रह किया ताकि विधानसभा चुनाव तेजी से हो सकें। एक अन्य सूत्र ने कहा कि पीएम ने सभी दलों को आश्वासन दिया कि वे परिसीमन प्रक्रिया का एक अभिन्न हिस्सा होंगे और उनके विचारों को लिया जाएगा। उन्होंने उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने के लिए प्रक्रिया में भाग लेने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद विधानसभा चुनाव तेजी से कराए जाएंगे।

इस बैठक में कई नेताओं ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा उठाया। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों ने राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए अपनी पिछली सार्वजनिक प्रतिबद्धता को दोहराया और प्रतिभागियों द्वारा उनके आश्वासन को लिया गया।

ये 14 नेता हुए बैठक में शामिल

फारूक अब्दुल्ला (नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री)- उमर अब्दुल्ला (नेशनल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री)- गुलाम नबी आजाद (कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री)- महबूबा मुफ्ती (पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री)- तारा चंद (कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री)- मुजफ्फर हुसैन बेग (पीपुल्स कांफ्रेंस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री)- निर्मल सिंह (भाजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री)- कविंद्र गुप्ता (भाजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री)- मुहम्मद यूसुफ तारीगामी (माकपा नेता)- अल्ताफ बुखारी (जम्मू एवं कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख)- सज्जाद लोन (पीपुल्स कांफ्रेंस नेता)- जीए मीर (जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख)- रविंद्र रैना (जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख)- भीम सिंह (पैंथर्स पार्टी के नेता)

ये भी रहे मौजूद

अजीत डोभाल (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार)- मनोज सिन्हा (उपराज्यपाल, जम्मू-कश्मीर)- जितेंद्र सिंह (प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री)

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