विपक्ष पर बरसे प्रधानमंत्री मोदी, कहा- संसद ठप करना संविधान और लोकतंत्र का अपमान
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार हर विधेयक पर बहस के तैयार है और विपक्ष इससे भाग रहा है। विपक्ष के नकारात्मक रवैये के कारण विधेयक बिना बहस के पास हो रहे हैं। इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। संसद और उससे पारित विधेयक की एक गरिमा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद नहीं चलने देने पर मंगलवार को विपक्ष पर जमकर बरसे। भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने संसद ठप करने को संविधान और लोकतंत्र का अपमान बताया। उन्होंने तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन के संसद में पारित विधेयकों की तुलना 'पापड़ी चाट' से किये जाने को भी अपमानजनक बताया।
पीएम ने भाजपा सांसदों से कहा- संसद चलाना हमारी जिम्मेदारी
संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी के अनुसार संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में विपक्ष के रवैये पर गहरी नाराजगी जताई। पीएम ने भाजपा सांसदों से कहा कि संसद चलाना हमारी जिम्मेदारी है, लेकिन विपक्ष न सिर्फ अपनी संसदीय जिम्मेदारी से भाग रहा है, बल्कि संसद, संविधान और लोकतंत्र का अपमान करने की हद तक चला गया है। उन्होंने कहा कि संसद के भीतर विपक्षी सांसदों का कागज फाड़कर उड़ाना उस जनता का भी अपमान है, जिसने उन्हें चुनकर संसद में भेजा है।
कागज फाड़कर फेंकने और माफी न मांगने को बताया विपक्ष का अहंकार: संसदीय कार्यमंत्री
उन्होंने कहा कि कागज फाड़कर फेंकना और उसके लिए माफी तक नहीं मांगना विपक्ष के अहंकार को दर्शाता है। ध्यान देने की बात है कि पिछले हफ्ते संसदीय दल की बैठक में भी प्रधानमंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया था।
संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने डेरेक ओ ब्रायन के 'पापड़ी चाट' वाले बयान पर जताई आपत्ति
प्रल्हाद जोशी के अनुसार प्रधानमंत्री ने डेरेक ओ ब्रायन के 'पापड़ी चाट' के बयान पर आपत्ति जताते हुए इसे अपमानजनक बताया। दरअसल डेरेक ओ ब्रायन ने संसद में बिना बहस के चंद मिनट में ही विधेयकों को पास किए जाने की तुलना पापड़ी चाट से की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा- सरकार हर विधेयक पर बहस के तैयार, लेकिन विपक्ष भाग रहा
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार हर विधेयक पर बहस के तैयार है और विपक्ष इससे भाग रहा है। विपक्ष के नकारात्मक रवैये के कारण विधेयक बिना बहस के पास हो रहे हैं। इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। उनका कहना था कि संसद और उससे पारित विधेयक की एक गरिमा है। डेरेक ओ ब्रायन का बयान इस गरिमा के खिलाफ है।