आगामी चुनावों के लिए जनता से फीडबैक ले रहे हैं पीएम मोदी, राज्य सरकार और विधायक के कामकाज पर ली जा ही है राय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के पास जाने से पहले खुद जनता से ही फीडबैक लेना शुरू कर दिया है ताकि हर राज्य के लोकप्रिय नेताओं वहां की समस्या स्थानीय विधायक केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर संतोष व असंतोष तक हर मुद्दे पर जमीनी और बेबाक जानकारी मिल सके।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 06:13 PM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 06:58 PM (IST)
आगामी चुनावों के लिए जनता से फीडबैक ले रहे हैं पीएम मोदी, राज्य सरकार और विधायक के कामकाज पर ली जा ही है राय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के पास जाने से पहले खुद जनता से ही फीडबैक लेना शुरू कर दिया है

आशुतोष झा, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के आगामी चुनाव से पहले हर दल ने कमर कसनी शुरू कर दी है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता के पास जाने से पहले खुद जनता से ही फीडबैक लेना शुरू कर दिया है ताकि हर राज्य ही नहीं वहां के लोकप्रिय नेताओं, वहां की समस्या, स्थानीय विधायक, केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर संतोष व असंतोष तक हर मुद्दे पर जमीनी और बेबाक जानकारी मिल सके। जाहिर है कि ये फीडबैक चुनावी अभियान के मुद्दे से लेकर उम्मीदवार और भावी मुख्यमंत्री तक के बारे में राय बनाने में मदद करेंगे।

नमो एप के जरिए ली जा रही लोगों की राय

जनता से सीधे संपर्क के अलग-अलग माध्यमों को लेकर हमेशा सक्रिय रहे प्रधानमंत्री मोदी के नमो एप पर एक नया फीचर जोड़ा गया है। जिसके जरिए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा के बारे में लोगों की राय जानी जा सके। कोई भी व्यक्ति राज्य और विधानसभा क्षेत्र चुनने के बाद आगे बढ़ सकता है। इसमें कोविड से निपटने के लिए प्रबंधन से लेकर शिक्षा, रोजगार, महंगाई, भ्रष्टाचार, किसान कल्याण जैसे मुद्दे शामिल हैं। जनता के लिए यह विकल्प है कि वह इन मुद्दों पर केंद्र सरकार, राज्य सरकार या स्थानीय प्रशासन के बारे में राय देना चाहता है। जाहिर तौर पर यह सर्वे बताएगा कि किसी बात पर नाराजगी है तो किस स्तर पर। इसे बहुत खराब से लेकर अतिउत्तम तक के मापदंड पर अंक दिया जा सकता है।

विपक्षी एकता के बारे में भी पूछा गया सवाल

सर्वे यहीं नहीं रुक रहा है बल्कि यह भी पूछता है कि क्या विपक्षी एकता का उनके विधानसभा क्षेत्र पर कोई फर्क पड़ेगा? क्या वह मानते हैं कि केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार रहने से विकास में सहायता होती है? क्या भविष्य में वह अपने राज्य के विकास को लेकर आशावान है? भाजपा में जनता की नाराजगी दूर करने के बड़ी संख्या में ऐसे विधायकों का टिकट काटने की परंपरा रही है।

हर विधायक का रिपोर्ट कार्ड बना रहे हैं प्रधानमंत्री

जाहिर तौर पर पार्टी के स्तर पर भी सर्वे होते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री खुद भी हर विधायक का रिपोर्ट कार्ड बना रहे हैं। सर्वे में विधायकों के कामकाज, जनता की उन तक पहुंच, उनकी लोकप्रिता के बारे में सवाल है। राजनीति के केंद्र में जाति रही है। चुनाव के नजदीक आते ही यह फिर से तेज होने लगी है और विभिन्न दलों की ओर से जाति जनगणना की मांग होने लगी है। लिहाजा इसी सर्वे में यह भी पूछा गया है कि वह जाति के आधार पर वोट देंगे, धर्म के आधार पर या फिर विकास के लिए।

2019 में भी किया गया था ऐसा ही सर्वे

इसी तरह का सर्वे 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले और नोटबंदी के बाद भी किया गया था। ध्यान रहे कि इसी एप के जरिए प्रधानमंत्री अपने मन की बात कार्यक्रम के लिए भी लोगों की अपेक्षाओं का आकलन करते हैं। बताने की जरूरत नहीं कि वह आगामी चुनाव को अगले पायदान पर ले जा चुके हैं।

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