ये है आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर: प्रधानमंत्री मोदी ने दैनिक जागरण में प्रकाशित कई खबरों का किया उल्लेख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ते कदमों के बारे में बात करते हुए में दैनिक जागरण में प्रकाशित कई खबरों का उल्लेख किया। मन की बात में पीएम ने जल संरक्षण की दिशा में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले महिला समूहों की जमकर तारीफ की है।
जागरण टीम, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ते कदमों के बारे में बात करते हुए में दैनिक जागरण में प्रकाशित कई खबरों और उनके नायकों का उल्लेख किया। रविवार को मन की बात पीएम ने जल संरक्षण की दिशा में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले महिला समूहों की जमकर तारीफ की है। इनमें उत्तराखंड में प्राकृतिक स्त्रोतों के संरक्षण का कार्य कर रहे जगदीश कुनियाल, मध्य प्रदेश की बबीता राजपूत और उत्तर प्रदेश के प्रगतिशील किसान हरिश्चंद्र सिंह शामिल हैं। साथ ही पीएम ने काशी में पिछले दिनों हुए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान में आयोजित संस्कृत क्रिकेट प्रतियोगिता का भी जिक्र किया। 'दैनिक जागरण' ने 19 फरवरी के अंक में संस्कृत क्रिकेट प्रतियोगिता को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
'धरा पर बिखेरी हरियाली तो सूखे जलधरा में आया पानी'
प्रधानमंत्री ने कहा उत्तराखंड के बागेश्वर में रहने वाले जगदीश कुनियाल का काम भी बहुत कुछ सिखाता है। जगदीश का गांव और आसपास का क्षेत्र पानी की जरूरतों के लिए एक प्राकृतिक श्रोत (सीम गधेरा) पर निर्भर था, लेकिन कई साल पहले यह श्रोत सूख गया। जगदीश ने इस संकट का हल पौधारोपण से निकालने की ठानी। पूरे इलाके में ग्रामीणों के साथ मिलकर हजारों पौधे लगाए और आज उनके इलाके का सूख चुका वह जलश्रोत फिर से भर गया है। 'धरा पर बिखेरी हरियाली तो सूखे जलधरा में आया पानी'। दैनिक जागरण ने नौ फरवरी के अंक में बागेश्र्वर के जगदीश कुनियाल के भगीरथ प्रयास की स्टोरी इसी शीर्षक से देश भर में प्रकाशित की थी। रविवार को पीएम मोदी ने 'मन की बात' में जब इस मुहिम का जिक्र किया तो जगदीश के मन की धरा भी खुशियों से सिंचित हो उठी।
जल सहेलियों के साथ पहाड़ काट बनाया रास्ता
पीएम मोदी ने मन की बात में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा ब्लाक की ग्राम पंचायत भेलदा के छोटे से गांव अंगरोठा की बबीता राजपूत का जिक्र किया। बबीता सहित करीब चार सौ महिलाओं (जल सहेलियों) ने पहाड़ को काटकर ऐसा रास्ता तैयार किया है, जिससे उनके गांव का तालाब पानी से भर जाता है। इससे लोगों को जलसंकट से मुक्ति मिली है। दैनिक जागरण में 24 सितंबर, 2020 को यह खबर प्रकाशित हुई थी।
कम लागत, बेहतर फसल का उदाहरण
उप्र के अंबेडकरनगर जिले के चक्रसेन गांव निवासी हरिश्चंद्र सिंह वर्तमान में सुलतानपुर में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने कृषि फार्म पर करीब दो बीघे में आनलाइन बीज मंगवाकर चिया सीड की बोवाई की है। उनका मानना है कि यह कम लागत में बेहतर उत्पादन देने वाली फसल है। इससे संबंधित खबर दैनिक जागरण ने दस फरवरी के अंक में 'यूपी में लहलहाने लगी चिया सीड्स की फसल' शीर्षक से प्रकाशित की थी।
पीएम के मन को छू गया संस्कृत क्रिकेट
वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में त्रिपुंड लगाए धोती-कुर्ता पहने बटुकों के अलबेली क्रिकेट प्रतियोगिता की खबर दैनिक जागरण में 19 फरवरी के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी। इस खबर का पीएमओ ने संज्ञान लिया और रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में इस क्रिकेट प्रतियोगिता और संस्कृत में हुई कमेंट्री का जिक्र किया। पीएम ने खेलों में क्षेत्रीय भाषाओं में कमेंट्री को बढ़ावा देने की अपील भी की। मन की बात के दौरान एक आडियो क्लिप भी सुनाया, जो मैच के दौरान संस्कृत में हुई क्रिकेट कमेंट्री का था।