संसद पर पेगासस जासूसी कांड का साया, समय से पहले खत्म हो सकता है संसद का मानसून सत्र

पेगासस जासूसी कांड के मुद्दे पर विपक्ष की एकजुटता और बहस की अपनी मांग से पीछे नहीं हटने के चलते दोनों सदनों में सियासी घमासान थमने के आसार नजर नहीं आ रहे। टकराव को देखते हुए सरकार मानसून सत्र को समय से पूर्व खत्म करने पर विचार कर रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 09:38 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 07:17 AM (IST)
संसद पर पेगासस जासूसी कांड का साया, समय से पहले खत्म हो सकता है संसद का मानसून सत्र
विपक्ष ने किया सत्र जल्द खत्म करने का कड़ा विरोध करने का एलान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पेगासस जासूसी कांड पर विपक्ष के साथ संसद में दो हफ्ते से चल रहे टकराव को देखते हुए सरकार मानसून सत्र को समय से पूर्व खत्म करने के विकल्प पर विचार कर रही है। इस मुद्दे पर विपक्ष की एकजुटता और बहस की अपनी मांग से पीछे नहीं हटने के चलते दोनों सदनों में सियासी घमासान थमने के आसार नजर नहीं आ रहे। इसलिए सरकार ने भी बीते चार दिनों के दौरान हंगामे में ही आठ विधेयकों को बिना चर्चा के पारित करा अपने विधायी एजेंडे को पूरा करने की दिशा में कदम तेज कर दिए हैं। वहीं संसद सत्र समाप्त करने की योजना को लेकर विपक्ष ने सरकार पर संसद से भागने का आरोप लगाया है। सत्र खत्म करने के प्रस्ताव का विरोध करने का भी एलान किया है।

जासूसी कांड के खिलाफ विपक्ष के हंगामे से बढ़े टकराव के मद्देनजर सरकार कर रही विचार

जासूसी कांड को लेकर विपक्ष की आक्रामकता को देखते हुए टकराव का हल निकलने की उम्मीद कमजोर पड़ने लगी है। इसे देखते हुए सत्र को जल्द समाप्त किए जाने की आशंका से सत्तापक्ष के रणनीतिकार इन्कार नहीं कर रहे हैं। सत्तापक्ष जासूसी कांड पर दोनों सदनों में संग्राम को विपक्ष का राजनीतिक एजेंडा बताते हुए इस पर बहस को जरूरी नहीं मान रहा है। उसका कहना है कि सत्र में जनता से जुड़े दूसरे जरूरी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।

लोकसभा में घमासान के बीच चार दिनों में पांच अहम विधेयक पारित

ममता बनर्जी के दिल्ली आने के अगले ही दिन जासूसी कांड पर विपक्ष की गोलबंदी जिस तरह मजबूत हुई और सदन में घमासान तेज हुआ उसे देखते हुए सरकार ने लोकसभा में पांच अहम विधेयकों को पिछले चार दिनों में पारित करा लिया। इसमें वित्तीय अनुपूरक मांगों के अलावा दिवालिया संशोधन, फैक्ट्री रेगुलेशन संशोधन और पोत परिवहन विधेयक जैसे जरूरी बिल हैं। इसी तरह राज्यसभा में भी सरकार ने तीन विधेयकों को पारित करा लिया है।

सिंघवी ने कहा- सरकार जासूसी की सच्चाई छिपाना चाहती

मानसून सत्र खत्म करने की सरकार की योजना पर विपक्ष की ओर से कड़ा एतराज जताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सरकार जासूसी की सच्चाई छिपाना चाहती है। सत्र खत्म करने के प्रस्ताव का विपक्ष कड़ा विरोध करेगा, क्योंकि पेगासस पर चर्चा न हो, इसलिए सरकार ही संसद को नहीं चलने देना चाहती।

सिंघवी ने कहा- जासूसी कांड पर बहस का एलान हो, संसद का गतिरोध दो मिनट में हो जाएगा खत्म

सिंघवी ने कहा कि जासूसी कांड पर बहस कराने का सरकार एलान कर दे तो संसद का गतिरोध दो मिनट में खत्म हो जाएगा। सरकार को केवल दो प्रश्नों का उत्तर देना है कि क्या उसने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पेगासस खरीदा और ऐसा किया तो इसका इस्तेमाल किन लोगों पर किया गया?

राज्यसभा में विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिए जाने पर खड़गे चिंतित

राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सभापति वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर सदन में विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिए जाने पर चिंता जाहिर की है।

हंगामे से सरकारी खजाने को 133 करोड़ रुपये का नुकसान

सरकार का कहना है कि 19 जुलाई से शुरू हुए सत्र में विपक्ष लगातार दोनों सदनों की कार्यवाही को बाधित कर रहा है। लोकसभा के 54 घंटे के कामकाज की कुल अवधि में सदन सिर्फ सात घंटे ही चला है। राज्यसभा में 53 घंटे के कामकाज की अवधि में सदन केवल 11 घंटे सकारात्मक रहा है।

107 घंटों में संसद महज 18 घंटे चली

इस तरह दोनों सदनों के कुल 107 घंटों में संसद महज 18 घंटे चल पाई है। सत्र को चलाने पर खर्च होने वाली रकम के हिसाब से हंगामे के चलते सरकारी खजाने का 133 करोड़ रुपये बर्बाद हो चुका है। सरकार सत्र को जल्द खत्म करने के लिए इस तर्क का भी सहारा ले सकती है।

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