Parliament Session 2021: नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष पर निशाना साधा, कहा- किसानों की चिंता है तो सदन चलने दें

कृषि कानूनों को लेकर संसद नहीं चलने दे रहे विपक्ष पर मंगलवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें किसानों की चिंता है तो सदन में कामकाज होने दें। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:00 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:00 PM (IST)
Parliament Session 2021: नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष पर निशाना साधा, कहा- किसानों की चिंता है तो सदन चलने दें
विपक्ष पर मंगलवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जमकर निशाना साधा

 नई दिल्ली, प्रेट्र। कृषि कानूनों को लेकर संसद नहीं चलने दे रहे विपक्ष पर मंगलवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें किसानों की चिंता है तो सदन में कामकाज होने दें। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान किसानों से जुड़ी एक बीमा योजना से संबंधित पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की।

जिस समय तोमर यह बात कह रहे थे, उस समय भी विपक्षी सदस्य पेगासस जासूसी से जुड़े आरोपों और कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर अपनी नारेबाजी जारी रखे थे। तोमर ने कहा कि किसानों से जुड़े करीब 15 सवाल हैं। अगर विपक्षी सदस्यों को वास्तव में किसानों की चिंता है तो उन्हें सरकार की बात सुननी चाहिए।

उन्होंने कहा कि लगातार व्यवधान सदन की मर्यादा को कम कर रहा है। बता दें कि किसान तीनों कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार जहां इन्हें उनके हित में बता रही है वहीं किसानों का कहना है कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडियों को खत्म कर देंगे और उन्हें बड़े कारपोरेट घरानों की दया पर छोड़ दिया जाएगा।

हाईवे रोककर बैठे किसान नेताओं से सख्ती से निपटे सरकार

भाजपा सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने मंगलवार को सरकार से अनुरोध किया कि राजमार्ग रोककर बैठे किसान नेताओं से सख्ती से पेश आए। उन्होंने यह भी कहा कि जंतर-मंतर पर किसान नेताओं को विरोध प्रदर्शन की इजाजत देना कोरोना प्रोटोकाल के तहत उचित नहीं है।

शेजवलकर ने आरोप लगाया कि किसानों के शुभचिंतक होने का दावा करन वाले ये नेता झूठ और गलत सूचना को आधार बनाकर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान रिकार्ड उत्पादन के लिए खेतों में पसीना बहा रहे हैं, ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि विरोध प्रदर्शन करने वाले और राजमार्ग को रोककर बैठे लोग आखिर कौन हैं। कम से कम ऐसे लोग किसान नहीं हो सकते हैं और ऐसे तथाकथित किसान नेताओं के साथ सरकार को सख्ती से निपटना चाहिए।

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