कश्मीर पर प्रोपेगेंडा में जुटा पाकिस्तान, भारत ने पाक व तुर्की को दिया करारा जवाब

भारत ने एक तरफ जहां पाकिस्तान को दो टूक कह दिया है कि कश्मीर को हासिल करने का ख्बाव न पाले क्योंकि वह हमेशा उसका हिस्सा रहेगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Wed, 26 Feb 2020 09:34 PM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 07:29 AM (IST)
कश्मीर पर प्रोपेगेंडा में जुटा पाकिस्तान, भारत ने पाक व तुर्की को दिया करारा जवाब
कश्मीर पर प्रोपेगेंडा में जुटा पाकिस्तान, भारत ने पाक व तुर्की को दिया करारा जवाब

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएससीआर) के मुख्यालय में चल रही बैठक में पाकिस्तान ने जिस तरह से कश्मीर पर प्रोपेगंडा वार चलाने की कोशिश की थी उस पर उसे करारा जवाब मिल गया है। भारत ने एक तरफ जहां पाकिस्तान को दो टूक कह दिया है कि कश्मीर को हासिल करने का ख्बाव न पाले क्योंकि वह हमेशा उसका हिस्सा रहेगा वहीं पाक की भाषा बोल रहे तुर्की को भी नसीहत दी है कि, उसे उन मुद्दों में नहीं पड़ना चाहिए जिसकी जानकारी न हो। साथ ही भारत ने इस्लामिक देशों के संगठन (ओआइसी) को भी कश्मीर के मामले में टांग नहीं अड़ाने को कहा गया।

यूएनएचसीआर की बुधवार को जेनेवा स्थित बैठक भारत की तरफ से पाकिस्तान को जवाब देने में ही लगभग बीता। एक तरफ विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप को पाकिस्तान का जवाब देने के लिए उतारा गया था जबकि पाकिस्तान के दल की तरफ से की गई टिप्पणियों का जवाब बाद में एक दूसरे अधिकारी ने दिया। सनद रहे कि पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कश्मीर को लेकर भारत की नीतियों पर काफी सवाल उठाये थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि कश्मीर में भारत के जुल्म की इंतहा हो गई है। यह अलग बात है कि जब वह भाषण दे रही थी तो यूएनएचसीआर मुख्यालाय के बाहर पाक सेना की तरफ से ब्लूचिस्तान में किये जा रहे दमन के खिलाफ भारी भीड़ एकत्रित थी। पाक सरकार व पाक सेना के खिलाफ नारेबाजी हो रही थी।

सचिव (पश्चिम) स्वरूप ने अपने भाषण में भारत का यह पुराना रुख दोहराया कि पाकिस्तान ही वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है। पूरी विश्व बिरादरी को एक साथ मिल कर आतंकवाद को पनाह देन वालों और इसे बढ़ावा देने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। यह विडंबना है कि दूसरे देशों में आतंकियों को भेज कर आतंक व हिंसा फैलाने वाला देश मानवाधिकार पर भाषण देता है। आगे उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का एक अभिन्न हिस्सा था, अभी है और आगे भी हमेशा रहेगा। स्वरूप ने विश्व बिरादरी के सामने स्पष्ट किया कि भारतीय संसद ने कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला वहां विकास की गति की राह तेज करने के लिए किया है। और वहां हालात काफी तेजी से सामान्य हो रहे हैं। अभी वहां प्रशासन की तरफ से जो प्रतिबंध लगे हैं वे तत्कालिक हैं और उन्हें जल्द ही हटा लिया जाएगा। स्कूल खोल दिए गए हैं, अस्पताल व अन्य सेवाएं भी सामान्य तौर पर चल रही हैं। भारत की तरफ से मिले इस जवाब पर फिर पाकिस्तानी पक्ष की तरफ से अपनी बात रखी गई। इसके बाद देर शाम भारत ने फिर अपना पक्ष रखा। यह यूएनएचसीआर में एक सामान्य प्रतिक्रिया है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दोबारा दिए गए अपने जवाब में पाकिस्तान ही नहीं बल्कि तुर्की और इस्लामिक देशों के संगठन (ओआइसी) को भी आडे़े हाथों लिया। तुर्की की तरफ से भी कश्मीर का मुद्दा उठाया गया है। तुर्की को कहा गया है उसे कश्मीर की स्थिति का पता नहीं है इसलिए उसे उस पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए व उसे सीमा पार आतंक का बढ़ावा नहीं देना चाहिए। जहां तक ओआइसी की बात है तो उसे भारत के आतंरिक मामलों में बोलने का कोई हक नहीं है।

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