जेएनयू मामले पर वेंकैया नायडू से मिले विपक्षी नेता, कहा- सदन में अपनी बात रखने का मौका दें

विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू से जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के मामले पर उच्च सदन में चर्चा कराए जाने की मांग की।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 12:52 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 07:17 AM (IST)
जेएनयू मामले पर वेंकैया नायडू से मिले विपक्षी नेता, कहा- सदन में अपनी बात रखने का मौका दें
जेएनयू मामले पर वेंकैया नायडू से मिले विपक्षी नेता, कहा- सदन में अपनी बात रखने का मौका दें

नई दिल्ली, प्रेट्र। विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात कर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस बढ़ोतरी के मामले पर उच्च सदन में चर्चा कराए जाने की मांग की। इस मामले में वामदलों के कार्यस्थगन प्रस्ताव की मांग ठुकराए जाने के कारण सदन में हुए विपक्षी दलों के हंगामे के बाद नायडू ने सदन की बैठक सुबह शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।

जेएनयू के आंदोलनरत छात्रों पर पुलिस लाठीजार्च का मुद्दा

सभापति कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि सदन की बैठक स्थगित होने के बाद विपक्ष के नेताओं ने जेएनयू के आंदोलनरत छात्रों पर पुलिस लाठीजार्च का मुद्दा सभापति के समक्ष उठाते हुए सदन में इस पर चर्चा कराने की मांग की।

विपक्षी नेताओं ने नायडू से की जेएनयू मामले को सदन में उठाने की मांग

राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की अगुआई में विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने सभापति से इस मुद्दे पर सदन को तीन घंटे के लिए स्थगित करने के औचित्य पर भी सवाल उठाया। राकांपा के शरद पवार, कांग्रेस के आनंद शर्मा, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, माकपा के टीके रंगराजन और आप के संजय सिंह सहित अन्य दलों के नेताओं ने नायडू से इस मुद्दे पर सदन में विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका देने का अनुरोध किया।

राज्यसभा सभापति ने कहा, कार्यस्थगन के लिए उपयुक्त नहीं यह मामला

नायडू ने कहा कि वह जेएनयू का मामला शून्यकाल में उठाने की अनुमति पहले ही दे चुके हैं। यह मामला कार्यस्थगन के लिए उपयुक्त नहीं है। उन्होंने विपक्ष के नेताओं को ध्यान दिलाया कि सदन की कार्यवाही के बारे में सभी दलों के नेताओं के साथ हुई बैठक में भी विपक्षी दलों ने आश्वस्त किया था कि वे इस मामले में आसन के समीप आने के बजाय सकारात्मक चर्चा में हिस्सा लेंगे।

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