ओम बिरला ने संसदीय समिति की बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति का मांगा ब्योरा

सितंबर महीने में होता है अधिकांश संसदीय समितियों का गठन। बिरला ने लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों की एक छोटी समिति बनाई है जो इन संसदीय समितियों के कामकाज के नियमों पर विचार करेगी और हाल के वर्षो के घटनाक्रम के अनुरूप जरूरी होने पर बदलाव को लेकर सुझाव देगी।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 07:50 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 07:50 AM (IST)
ओम बिरला ने संसदीय समिति की बैठकों में सदस्यों की उपस्थिति का मांगा ब्योरा
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मांगा ब्योरा।(फोटो: फाइल)

नई दिल्ली, प्रेट्र। संसदीय समितियों के सदस्यों के नामों को अंतिम रूप देने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने समितियों के बैठकों की संख्या और इनमें सदस्यों की उपस्थिति का ब्योरा मांगा है। अधिकांश संसदीय समितियों का गठन हर वर्ष सितंबर महीने में होता है। लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद समितियों में सदस्यों के नाम मनोनीत करते हैं। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार, बिरला ने लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों की एक छोटी समिति बनाई है जो इन संसदीय समितियों के कामकाज के नियमों पर विचार करेगी और हाल के वर्षो के घटनाक्रम के अनुरूप जरूरी होने पर बदलाव को लेकर सुझाव देगी।

स्थायी समितियों की बैठकों में हंगामों को देखते हुए यह कदम अहम माना जा रहा है। कुछ दिन पहले सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर और भाजपा नेता निशिकांत दुबे के बीच आरोप-प्रत्यारोप सामने आए थे। दुबे ने थरूर को अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की थी।लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय ने सचिवालय से संसदीय समितियों की बैठकों की संख्या और इन बैठकों में उपस्थित सांसदों का ब्योरा देने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि ये कदम ऐसे समय में उठाए जा रहे हैं जब लोकसभा अध्यक्ष संसदीय समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहे हैं। गौरतलब है कि लोकसभा सचिवालय के दायरे में 25 संसदीय समितियां आती हैं जबकि राज्यसभा सचिवालय के दायरे में आठ संसदीय समितियां आती हैं।

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