अब पाक होगा मालामाल, करतारपुर कोरिडोर से एक साल में होगी साढे 5 अरब की कमाई

आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान सरकार को करतारपुर कोरिडोर से श्रद्धालुओं से एक साल में कमाई साढे पांच अरब रुपये से ज्यादा की होगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 09:21 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 09:21 PM (IST)
अब पाक होगा मालामाल, करतारपुर कोरिडोर से एक साल में होगी साढे 5 अरब की कमाई
अब पाक होगा मालामाल, करतारपुर कोरिडोर से एक साल में होगी साढे 5 अरब की कमाई

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। करतारपुर कोरिडोर पर हर श्रद्धालु से 20 डॉलर की फीस आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान के लिए बड़ी राहत साबित हो सकता है। यही कारण है कि भारत के बार-बार कहने के बावजूद फीस छोड़ने के तैयार नहीं है। अनुमान है कि हर श्रद्धालु से 20 डॉलर की फीस से पाकिस्तानी खजाने में 561 करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा होगा।

पाकिस्तान में एक डॉलर की कीमत 156 रुपये है

दरअसल पाकिस्तान ने एक दिन में 5000 श्रद्धालुओं के आने की अनुमति दी है। पाकिस्तान में एक डॉलर की कीमत 156 रुपये है।

पाक को करतारपुर श्रद्धालुओं से होगी एक साल में साढे पांच अरब की कमाई

20 डॉलर प्रति श्रद्धालु के हिसाब से पाकिस्तान रोजाना एक लाख डॉलर यानी 1 करोड़ 56 लाख रुपये की कमाई होगी। यह रकम एक हफ्ते के हिसाब से 10 करोड़ 92 लाख रुपए और एक महीने की कमाई 46 करोड़ 80 लाख रुपये बनती है। एक साल में यह कमाई 5,61,60,00,000 यानि साढे पांच अरब रुपये से ज्यादा की बनती हैं।

पाक हर तीर्थ यात्री से 20 डॉलर की सेवा फीस लेने पर अड़ा

करतारपुर कारीडोर की सेवा बाबा नानकदेव की 550 वीं जन्मदिवस के ठीक पहले 9 नवंबर, 2019 से शुरु करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच 23 अक्टूबर, 2019 को एक समझौता होने जा रहा है। भारत ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी सहमति के बारे में पाकिस्तान सरकार को बता दिया है। हालांकि भारत ने इस बात पर निराशा जताई है कि उसके आग्रह के बावजूद पाकिस्तान सरकार हर तीर्थ यात्री से 20 डॉलर की सेवा फीस लेने पर अड़ा हुआ है।

पाक से फीस वापस लेने का फिर आग्रह

भारत ने समझौते पर हस्ताक्षर करने की सहमति देने के साथ ही पाकिस्तान से इस फीस को वापस लेने की फिर से आग्रह किया है। अगर सब कुछ ठीक रहा और दो दिन बाद बुधवार को यह समझौता हो जाता है तो दोनों देशों के बीच हाल के वर्षो में किया गया यह पहला समझौता होगा। दोनों पड़ोसी देशों में पहले से ही कई मुद्दों पर तनाव व्याप्त है, लेकिन जब से भारत ने कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला किया है तब से हालात काफी बिगड़े हुए हैं।

अत्याधुनिक ढांचागत सुविधा का निर्माण

विदेश मंत्रालय की तरफ से सूचना दी गई है कि भारत ने पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब में भारतीय और भारतीय मूल के नागरिकों (आईओसी) की यात्रा सहूलियत करने के लिए करतारपुर साहिब कारीडोर में अत्याधुनिक ढांचागत सुविधा का निर्माण किया है। लेकिन यह बेहद निराशा की बात है कि एक तरफ जहां पाकिस्तान के साथ यात्रियों की सुविधा देने के लिए शेष सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है लेकिन पाकिस्तान सरकार अभी भी 20 डॉलर की सेवा फीस लेने पर अडिग है। हम पाकिस्तान से अभी भी आग्रह कर रहे हैं कि तीर्थयात्रियों के हितों को देखते हुए इस तरह की फीस नहीं लेनी चाहिए।

23 को होगा भारत और पाक में समझौता

तीर्थयात्रियों की बहुत पुरानी मांग है कि उन्हें करतारपुर बगैर किसी वीजा फीस के जाने की इजाजत मिलनी चाहिए। भारत सरकार ने करतारपुर कारीडोर के लिए 23 अक्टूबर को समझौता करने के लिए अपनी सहमति दे दी है। एक बार फिर हम पाकिस्तान सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि वह सेवा शुल्क लगाने के अपने फैसले पर विचार करे। भारत किसी भी इस बारे में समझौते में संशोधन करने के लिए तैयार है।

भारत की तरफ से कारीडोर का निर्माण पूरा

भारत व पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति डेरा बाबा नानक साहिब गुरुद्वारा है। इस चार किलोमीटर की दूरी में एक कारीडोर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। भारत सरकार ने अपनी सीमा के पास यात्रियों की सुविधा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे वाली ढांचागत व्यवस्था तैयार की है। फिलहाल पाकिस्तान सिर्फ 5000 यात्रियों को इजाजत दे रहा है, लेकिन बाद में इसे बढ़ाया जा सकता है।

पाकिस्तान सरकार का एकतरफा फैसला

सनद रहे कि कारगिल युद्ध से ठीक पहले भारत और पाकिस्तान के बीच लाहौर-दिल्ली बेस सेवा के लिए और उसके बाद मुनाबाव-खोखरापार रेल लिंक के लिए व श्रीनगर-मुजफ्फराबाद बस सेवा के लिए समझौता हुआ था। लेकिन धारा 370 हटाने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान सरकार ने एकतरफा फैसला करते हुए दोनो देशों के बीच चलने वाले दो ट्रेनों (समझौता एक्सप्रेस और थार एक्सप्रेस) को रद्द कर दिया है।

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