छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में अब सिर्फ हल नहीं, अब हाथी को भी कमजोर करेगा पंजा
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत जोगी और बसपा हमेशा यही दावा करते रहे कि दोनों 90 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
अनुज सक्सेना, रायपुर, नईदुनिया। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ व बसपा के गठबंधन से भौचक कांग्रेस अब दोनों के प्रभाव को कम करने की रणनीति नए सिरे से तैयार कर रही है। कांग्रेस अभी तक जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) में सेंध लगाती रही है, अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को भी तोड़ने का काम करेगी। हल और हाथी को कमजोर करके ही कांग्रेस खुद को मजबूत करने की कोशिश करेगी।
जकांछ और बसपा के बीच सीटों का जो बंटवारा हुआ है, कांग्रेस उस सूची का इंतजार कर रही है। इसके बाद कांग्रेस अपने मिशन पर जुट जाएगी। दोनों दलों के असंतुष्टों पर डोरे डालकर उन्हें कांग्रेस में लाने की भरपूर कोशिश होगी।
दोनों दलों के असंतुष्ट उम्मीदवार होंगे निशाने पर
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत जोगी और बसपा हमेशा यही दावा करते रहे कि दोनों 90 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। जोगी ने 72 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय करके अपने जन्मदिन पर तामझाम के साथ मिशन साथ दो '72' शुरू किया था। बसपा ने भी सभी 90 सीटों पर उम्मीदवारों से आवेदन लिए हैं। जाहिर सी बात है कि दोनों दलों के गठबंधन जकांछ 35 और बसपा 55 सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारेगी। दोनों दलों में इन्हीं असंतुष्ट प्रभावशाली नेताओं पर कांग्रेस डोरे डालने की योजना में है। कांग्रेस इस जोड़-तोड़ में सफल रही तो यह संदेश दे पाएगी कि बसपा-जकांछ के गठबंधन से उनकी पार्टी के लोग ही संतुष्ट नहीं हैं।
भूपेश ने राजनीतिक सलाहकारों के साथ मंथन किया
पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल शुक्रवार दोपहर को पार्टी मुख्यालय राजीव भवन पहुंचे। उन्होंने अपने कक्ष में राजनीतिक सलाहकारों के साथ बसपा-जकांछ के गठबंधन को लेकर सभी बिंदुओं पर चर्चा की। गठबंधन से कांग्रेस या भाजपा पर क्या असर पड़ेगा, एससी वोट कांग्रेस के कटेंगे या नहीं, 10 एससी सीटों पर कांग्रेस को मजबूत करने के लिए क्या किया जा सकता है, कैसे गठबंधन को कमजोर किया जाए आदि बिंदुओं पर मंथन हुआ।
भाजपा को नुकसान की संभावना ज्यादा
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अभी एससी आरक्षित 10 सीटों में से नौ पर भाजपा का कब्जा है। कांग्रेस के पास केवल एक सीट है। बसपा के पास एक भी सीट नहीं है। जकांछ और बसपा का गठबंधन एससी वोटों पर प्रभाव डालेगा तो उसका नुकसान भाजपा को ज्यादा होने की संभावना है, क्योंकि सीटें उसकी कम होंगी। कांग्रेस को अपनी सीट बढ़ाने की जिम्मेदारी अनुसूचित जाति विभाग को सौंपेगी। जिस तरह आदिवासी कांग्रेस आदिवासी क्षेत्रों में जंगल सत्याग्रह कर रही है, उसी तरह से एससी विभाग भी कोई अभियान शुरू करेगा।