पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनावों में मतदाताओं ने नोटा बटन को नहीं दी कोई खास तरजीह

देश के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आने लगे हैं। इन चुनावों में काफी कम संख्या में लोगों ने नोटा का बटन दबाया है। जानें क्‍या कहते हैं निर्वाचन आयोग के आंकड़े...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 11:31 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 11:31 PM (IST)
पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनावों में मतदाताओं ने नोटा बटन को नहीं दी कोई खास तरजीह
विधानसभा चुनावों में काफी कम संख्या में लोगों ने नोटा का बटन दबाया है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। देश के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे आने लगे हैं। नतीजों के मुताबिक बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने, असम में भाजपा ने, पुडुचेरी में राजग ने और केरल में सत्ताधारी एलडीएफ ने वापसी की है। केवल तमिलनाडु में सत्ता परिवर्तन होता दिख रहा है। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक को हराकर स्टालिन के नेतृत्व में द्रमुक सत्ता में आ रही है। हालांकि इन चुनावों में काफी कम संख्या में लोगों ने नोटा का बटन दबाया है।

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक असम में 1,54,399 मतदाताओं ने ने नोटा का बटन दबाया है। यह कुल मतदाताओं की तुलना में 1.22 फीसद रहा। हालांकि अभी मतों की गिनती जारी है। केरल में 91,715 मतदाताओं ने नोटा को चुना है। यह कुल मतदाताओं की तुलना में 0.5 प्रतिशत है। वहीं केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में 9,006 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है।

तमिलनाडु में 1,84,604 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है। सूबे में नोटा चुनने वालों की संख्या 0.78 फीसद रही। वहीं पश्चिम बंगाल में 5,23,001 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना जो 1.1 फीसद रहा। हालांकि समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुता‍बिक रविवार देर रात या सोमवार सुबह तक जब सभी सीटों पर नतीजे आ जाएंगे तो इन आंकड़ों में बदलाव संभव है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर साल 2013 में ईवीएम में नोटा का विकल्प डाला गया था। ईवीएम में नोटा का अपना चिन्ह है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निर्वाचन आयोग ने ईवीएम में अंतिम बटन को नोटा का बटन बनाया था।

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