सिर्फ उदार ही नहीं, रचनात्मक और व्यावहारिक हो बहुपक्षवाद: विदेश मंत्री एस जयशंकर
गठबंधन की मंत्रिस्तरीय बैठक में विदेश मंत्री ने जल जीवन एवं अन्य पर भी की बात। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम से बातचीत की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम से बातचीत की।
नई दिल्ली, प्रेट्र। यदि बहुपक्षवाद को विकसित होना है तो यह सिर्फ उदार ही नहीं रहे, बल्कि रचनात्मक और व्यावहारिक भी हो। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को बहुपक्षवाद के लिए गठबंधन की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा लचीला बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन का उल्लेख किया।
उन्होंने जल जीवन और उजाला योजना और आरोग्य सेतु एप के बारे में भी बात की। उन्होंने ट्वीट किया, 'बहुपक्षवाद के लिए गठबंधन की मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित किया। भारत फिर से बेहतर, नवीन और स्मार्ट बनेगा। बहुपक्षवाद को यदि विकसित होना है तो यह सिर्फ उदार ही नहीं रहे, बल्कि रचनात्मक और व्यावहारिक भी हो।'
जयशंकर ने अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति से बातचीत की
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम से बातचीत की। दोनों के बीच अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता फिर से कायम करने के लिए ऐतिहासिक पहल के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत हुई। प्रभावी अफगान नेता और पूर्व सैनिक दोस्तम की भारत यात्रा से एक सप्ताह पहले तालिबान और अफगान सरकार ने 19 साल से जारी युद्ध समाप्त करने के लिए पहली बार सीधी बातचीत शुरू की है। युद्ध में हजारों लोगों की जान गई और देश का विभिन्न हिस्सा तबाह हो गया है।
बातचीत के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया, 'मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम के साथ मुलाकात कर खुशी हुई। अफगानिस्तान में घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ। भारत अफगान की अगुआई, अफगान स्वामित्व और अफगान नियंत्रित शांति प्रक्रिया के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।' दोस्तम ने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से भी मुलाकात की। इस दौरान संवैधानिक व्यवस्था और अफगान समुदाय के सभी वर्गो के अधिकार जैसे मुद्दे सामने आए।
खास बात- तालिबान और अफगान सरकार ने 19 साल से जारी युद्ध समाप्त करने के लिए पहली बार सीधी बातचीत शुरू की है। युद्ध में हजारों लोगों की जान गई और देश का विभिन्न हिस्सा तबाह हो गया है।