राम जन्मभूमि मामले में निर्मोही अखाड़ा ने भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पुनर्विचार याचिका

पुनर्विचार याचिका में निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि अखाड़ा के शैबियत राइट्स कब्जे और लिमिटेशन के बारे में फैसले के निष्कर्ष सही नहीं हैं। कोर्ट फैसले पर पुनर्विचार करे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 05:46 PM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 01:18 AM (IST)
राम जन्मभूमि मामले में निर्मोही अखाड़ा ने भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पुनर्विचार याचिका
राम जन्मभूमि मामले में निर्मोही अखाड़ा ने भी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पुनर्विचार याचिका

नई दिल्ली, माला दीक्षित राम जन्मभूमि मामले में निर्मोही अखाड़ा ने भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। पुनर्विचार याचिका में निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि अखाड़ा के शैबियत राइट्स कब्जे और लिमिटेशन के बारे में फैसले के निष्कर्ष सही नहीं हैं। कोर्ट फैसले पर फिर से पुनर्विचार करे। 

इसके साथ ही निर्मोही अखाड़ा ने यह भी कहा कि कोर्ट ने फैसले में निर्मोही अखाड़ा को ट्रस्ट में उचित भूमिका और उचित प्रतिनिधित्व देने की बात कही है लेकिन भूमिका और प्रतिनिधित्व स्पष्ट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट उसे फिर से स्पष्ट करे। 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को दिए अपने ऐतिहासिक फैसले में निर्मोही अखाड़े को शैबियत मानने से इनकार कर दिया था। हालांकि कोर्ट ने कहा था कि निर्मोही अखाड़े को राम मंदिर के ट्रस्ट में जगह दी जाएगी।

वहीं, इसके पहले अयोध्‍या भूमि विवाद मामले में हिंदू महासभा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। याचिका में महासभा ने सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का विरोध किया है। हिंदू महासभा का कहना है कि शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में माना है कि विवादित भूमि के अंदरूनी हिस्से और बाहरी हिस्से पर हिंदुओं का दावा मजबूत है। ऐसे में मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ भूमि नहीं दी जानी चाहिए।

अयोध्‍या मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को विचार किया जाएगा। बुधवार शाम इस बारे में कोर्ट की लिस्‍ट जारी की गई है। इस लिस्‍ट में जस्टिस रंजन गोगोई की जगह जस्टिस संजीव खन्‍ना को शामिल किया गया है। मामले में पांच जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। गुरुवार दोपहर 1:40 बजे न्‍यायाधीश चैंबर में पुनर्विचार याचिकाओं पर विचार करेंगे। कल ही पीठ यह तय करेगी कि पुनर्विचार याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई की जरूरत है या नहीं। अगर कोर्ट को ऐसी जरूरत महसूस होगी तो पुनर्विचार याचिकाओं पर नोटिस जारी किया जाएगा।

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