नेताजी सुभाष चंद्र बोस और सरदार पटेल को वर्षो तक नहीं मिला सही सम्मान : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि वर्षो तक जानबूझकर ऐसे प्रयास किए जाते रहे जिससे तमाम जाने-माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को उनका वाजिब सम्मान नहीं मिला। इनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस और सरदार वल्लभ भाई पटेल भी शामिल हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 10:39 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 10:39 PM (IST)
नेताजी सुभाष चंद्र बोस और सरदार पटेल को वर्षो तक नहीं मिला सही सम्मान : अमित शाह
अंडमान और निकोबार द्वीप में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

पोर्ट ब्लेयर, प्रेट्र। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि वर्षो तक जानबूझकर ऐसे प्रयास किए जाते रहे जिससे तमाम जाने-माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को उनका वाजिब सम्मान नहीं मिला। इनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस और सरदार वल्लभ भाई पटेल भी शामिल हैं, जिन्हें पहले सही पहचान, सम्मान और महत्व नहीं दिया गया। यहां तमाम परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप को राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन की तीर्थस्थल होना चाहिए और देश के युवाओं को यह जानना चाहिए कि क्रांतिकारियों को जो काला पानी की सजा दी जाती थी वह कितनी कष्टप्रद होती थी। यह स्थान देशभक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

कहा, मोदी सरकार ने तमाम ऐतिहासिक गलतियों को दुरुस्त किया

इसी स्थान पर नेताजी ने पहली बार 1943 में तिरंगा लहराया था और 1945 तक दो साल तक इसे ब्रिटिश शासन से मुक्त रखा। इसके बावजूद नेताजी और पटेल सरीखी विभूतियों को उनका सही सम्मान नहीं मिला और यह सब जानबूझकर किया गया। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इन गलतियों को सुधारने की कोशिश की है और इसी के तहत गुजरात में सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है। इसी तरह भाजपा सरकार ने 23 जनवरी (सुभाष चंद्र बोस की जन्मतिथि) को पराक्रम दिवस के रूप मनाने की घोषणा की है।

नेताजी के नाम वाले पुल का किया गया उद्घाटन

शाह ने कहा कि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 299 करोड़ रुपये की 14 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है, जबकि 643 करोड़ रुपये की 12 परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है। उन्होंने कहा कि जिस पुल का उद्घाटन किया गया है उसका नाम आजाद ¨हद फौज ब्रिज रखा गया है। नेताजी ने भारत की आजादी के लिए पूरी दुनिया में करीब 35 हजार किलोमीटर का सफर किया था। माउंट हैरियट (जहां मणिपुर के महाराजा कुलचंद्र ध्वज सिंह और 22 अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को जेल में रखा गया था) का नाम उनके सम्मान में माउंट मणिपुर रखा गया है।

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