मनी लॉन्ड्रिंग केस में कर्नाटक कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को दिल्‍ली हाईकोर्ट से जमानत मिली

Money Laundering Case against DK Shivakumar दिल्‍ली हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कर्नाटक कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को 25 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 23 Oct 2019 02:47 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 05:23 PM (IST)
मनी लॉन्ड्रिंग केस में कर्नाटक कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को दिल्‍ली हाईकोर्ट से जमानत मिली
मनी लॉन्ड्रिंग केस में कर्नाटक कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को दिल्‍ली हाईकोर्ट से जमानत मिली

नई दिल्‍ली, एएनआइ। Money Laundering Case against DK Shivakumar दिल्‍ली हाईकोर्ट ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कर्नाटक कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार को 25 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी। ट्रायल कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद शिवकुमार ने जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर उच्‍च न्‍यायालय ने ईडी को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था। 

आज सुबह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तिहाड़ जेल जाकर डीके शिवकुमार से मुलाकात की। बता दें कि सोनिया सुबह करीब नौ बजे तिहाड़ पहुंचीं और लगभग आधे घंटे तक शिवकुमार से बात कीं। माना जा रहा है कि सोनिया गांधी शिवकुमार की खैरियत जानने के साथ-साथ उनके प्रति एकजुटता दर्शाने के लिए गई थीं। 

कर्नाटक कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार पर हवाला के जरिए लेनदेन और टैक्स चोरी का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने उनको तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था। वह 25 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन वाली पिछली सरकार को बनाने का श्रेय जाता है। 

सितंबर 2018 में प्रवर्तन निदेशालय ने डीके शिवकुमार, हनुमंथैया और कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी एवं कुछ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इससे पहले कांग्रेस नेता ने ट्रायल कोर्ट में खराब सेहत का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई थी। इस पर प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि अपराध की जड़ें गहरी हैं ऐसे में कांग्रेस नेता को जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

पिछली सुनवाई में दिल्ली की अदालत ने तिहाड़ जेल प्रशासन (Tihar Jail authorities) को आदेश दिया था कि डीके शिवकुमार को टेलीविजन और कुर्सी मुहैया कराई जाए। डीके शिव कुमार के वकील ने कोर्ट में याचिका दायर करके शिकायत की थी कि उनके मुवक्किल को  जेल में बैठने के लिए कुर्सी भी नहीं उपलब्‍ध कराई जा रही है। 

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