वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना पर गुमराह कर रही दिल्ली सरकार, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में लगाया आरोप

घर-घर राशन पहुंचाने की योजना पर दांव लगाए बैठी दिल्ली सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए गए वक्तव्य को ही केंद्र सरकार ने कठघरे में खड़ा कर दिया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि योजना लागू करने के बारे में दिल्ली सरकार गुमराह कर रही है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 09:23 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:45 PM (IST)
वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना पर गुमराह कर रही दिल्ली सरकार, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में लगाया आरोप
दिल्ली सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए गए वक्तव्य को ही केंद्र सरकार ने कठघरे में खड़ा कर दिया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। घर-घर राशन पहुंचाने की योजना पर दांव लगाए बैठी दिल्ली सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए गए वक्तव्य को ही केंद्र सरकार ने कठघरे में खड़ा कर दिया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना लागू करने के बारे में दिल्ली सरकार गुमराह कर रही है। दिल्ली ने सिर्फ एक सर्किल में योजना लागू की है। जब तक सभी राशन दुकानों पर ये व्यवस्था लागू नहीं होती तब तक योजना लागू करना नहीं कहा जाएगा।

बढ़ेगी सियासी खींचतान

केंद्र ने ये बात सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए लिखित नोट में कही है। जाहिर है अब खींचतान बढ़ेगी और दिल्ली सरकार को कोर्ट में साबित करना पड़ सकता है कि उसने योजना लागू की है या नहीं।

बढ़ सकती दिल्ली सरकार की परेशानी

प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों को मुद्दे पर सुनवाई करते हुए पिछली तारीख पर सुप्रीम कोर्ट ने वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना लागू करने के बारे में पूछा था। तभी केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि दिल्ली, बंगाल, छत्तीसगढ़ और असम ने योजना लागू नहीं की है। इस बात का दिल्ली सरकार के वकील ने खंडन किया और अपने हलफनामे में योजना लागू करने का हवाला दे दिया। अब जबकि केंद्र ने लिखित रूप में शिकायत की है तो दिल्ली सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

मात्र 42 ईपीओएस हो रहीं इस्तेमाल

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल लिखित नोट में कहा है कि वन नेशन वन राशन कार्ड योजना लागू दिल्ली ने सिर्फ सर्किल 63 सीमापुरी में ही लागू की है। इस सर्किल में करीब 42 इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ सेल (इपीओएस) मशीनों से राशन दिया जा रहा है। इसे योजना लागू करना नहीं कहा जा सकता। क्योंकि सभी सर्किलों की राशन दुकानों पर 2000 से ज्यादा इपीओएस मशीनों के जरिए वितरण होना चाहिए।

अन्य योजनाओं का हाल भी ठीक नहीं

केंद्र ने कहा कि दिल्ली में बड़ी संख्या में अंतरराज्यीय प्रवासी रहते हैं। प्रवासी कामगार, निर्माण कार्य में लगे मजदूर, कचरा बनने वाले, रिक्शे वाले, आटो चालक आदि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत रियायती दर पर अपने कोटे का राशन नहीं ले पा रहे हैं। क्योंकि दिल्ली में वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना पूरी तरह लागू नहीं है।

ब्योरा भी नहीं उपलब्‍ध करा रही सरकार

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून या प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दिए जाने वाले राशन का ब्योरा भी राज्य सरकार केंद्रीय पोर्टल पर नहीं उपलब्ध करा रही है। इन दोनों योजनाओं की भी दिल्ली में स्थिति ठीक नहीं है। केंद्र ने कहा कि वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना में कार्ड धारक बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिए किसी भी राज्य में किसी भी राशन दुकान से अपने कोटे का अनाज ले सकता है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना नवंबर तक

इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत नवंबर तक मुफ्त अनाज देने की योजना लागू की गई है जिससे करीब 80 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। इन योजनाओं के अलावा भी अगर राज्य जरूरत के मुताबिक और अनाज लेना चाहते हैं तो वे ओपेन मार्केट सेल स्कीम के तहत एफसीआइ से रियायती दर पर अनाज ले सकते हैं।

3.70 लाख टन अनाज खरीदा

अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने बिना कार्ड वाले प्रवासियों के लिए एफसीआइ से रियायती दर पर कुल 3.70 लाख टन अनाज खरीदा है। इसके अलावा एनजीओ और धर्मार्थ संस्थाओं ने 421 टन अनाज खरीदा। एनजीओ व संस्थाएं रसोई चलाते हैं जहां प्रवासियों को पका भोजन दिया जाता है। 

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