नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, आंदोलन का रास्‍ता छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाएं किसान

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर कहा कि मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि वो आंदोलन छोड़कर वार्ता का रास्ता अपनाएं। सरकार उनके द्वारा बताई गई आपत्ति पर विचार करने के लिए तैयार है और इससे पहले भी कई बार बात हो चुकी है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 08:33 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 11:57 AM (IST)
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, आंदोलन का रास्‍ता छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाएं किसान
मध्य प्रदेश आए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

 ग्वालियर, एएनआइ। मध्य प्रदेश आए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर कहा कि मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि वो आंदोलन छोड़कर वार्ता का रास्ता अपनाएं। सरकार उनके द्वारा बताई गई आपत्ति पर विचार करने के लिए तैयार है और इससे पहले भी कई बार बात हो चुकी है और इसके बाद भी उन्हें लगता है कि कोई बात बची है तो सरकार उस पर जरूर बात करेगी।

I urge farmers to adopt the path of discussion by leaving the path of protests. Central govt is ready to discuss any issues raised by farmers: Narendra Singh Tomar, Union Agriculture Minister in Gwalior, Madhya Pradesh pic.twitter.com/L0yg2DhGwO— ANI (@ANI) September 26, 2021

किसान संगठनों ने 27 सितंबर को किया भारत बंद का आह्वान

ज्ञात हो कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को और मजबूत करने के लिए 27 सितंबर को किसान संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व के तहत 40 किसान संगठनों ने 27 सितंबर को भारत बंद करने की लोगों से अपील की है। कांग्रेस और माकपा से लेकर राकांपा और तृणमूल कांग्रेस सरीखे विपक्षी दलों ने किसान संगठनों के 27 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद के समर्थन का एलान कर इस मुद्दे पर सरकार की राजनीतिक घेरेबंदी पर फोकस बढ़ाने के इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। कई विपक्षी दलों ने इस बंद के समर्थन में सड़क पर उतरने का भी एलान कर दिया है।

किसानों को मिली बाजार की स्वतंत्रता

पिछले दिनों एग्रो केमिकल कांफ्रेंस का उद्घाटन के मौके पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने जोर देकर कहा था कि कृषि सुधार कानूनों के जरिये किसानों को बाजार की स्वतंत्रता मिली है। कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम है। खेती को लाभकारी बनाने के लिए सरकार किसानों को मदद कर रही है। मांग आधारित और महंगी उपज वाली फसलों की खेती से इस क्षेत्र में युवाओं का आकर्षण बढ़ेगा। इसके माध्यम से ही अधिक से अधिक रोजगार सृजित होंगे।

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