गोडसे समर्थक को पार्टी में शामिल कर विचारधारा के संकट में उलझी कांग्रेस, भाजपा ने किया कटाक्ष

बाबूलाल चौरसिया के समर्थन और विरोध में एक पक्ष प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के साथ है तो दूसरा पक्ष पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के उस बयान का समर्थन कर रहा है जिसमें उन्होंने चौरसिया का विरोध किया था।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 07:47 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 07:47 PM (IST)
गोडसे समर्थक को पार्टी में शामिल कर विचारधारा के संकट में उलझी कांग्रेस, भाजपा ने किया कटाक्ष
नाथूराम गोडसे के समर्थक और हिंदू महासभा के सदस्य रहे बाबूलाल चौरसिया को सदस्यता

 भोपाल, राज्‍य ब्यूरो। मध्य प्रदेश कांग्रेस में खेमेबंदी नई बात नहीं है लेकिन नाथूराम गोडसे के समर्थक और हिंदू महासभा के सदस्य रहे बाबूलाल चौरसिया को सदस्यता देकर कांग्रेस नेतृत्व विचारधारा के संकट में उलझ गया है। गोडसे समर्थक का विरोध कर रहे नेता इसे पार्टी की विचारधारा से हटकर किया गया कार्य बता रहे हैं तो कमल नाथ खेमे के नेता इस कदम को सही ठहरा रहे हैं। भाजपा नेता इस स्थिति पर कटाक्ष कर रहे हैं। वे महात्मा गांधी के अहिंसावादी सिद्धांत का पालन करने में कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं।

पार्टी में गतिरोध जारी

बाबूलाल चौरसिया को कांग्रेस में लाने को लेकर पार्टी में गतिरोध जारी है। चौरसिया के समर्थन और विरोध में एक पक्ष प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के साथ है तो दूसरा पक्ष पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के उस बयान का समर्थन कर रहा है, जिसमें उन्होंने चौरसिया का विरोध किया था। इसी कड़ी में रविवार को होशंगाबाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष सत्येंद्र फौजदार ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ को पत्र लिखकर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के पूर्व अध्यक्ष मानक अग्रवाल को पार्टी से निष्काषित करने की मांग की है। मालूम हो, अग्रवाल ने कमल नाथ पर गंभीर आरोप लगाए थे।

राष्ट्रीय स्तर पर जवाब देना पड़ेगा भारी

पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस मामले में भाजपा और कांग्रेस के सहयोगी दल भी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से जवाब मांगेंगे। इस स्थिति में जवाब देना आसान नहीं होगा, क्योंकि गोडसे की विचारधारा का विरोध और महात्मा गांधी के आदर्शो पर चलना ही कांग्रेस की राजनीति का आधार है। उधर, यह भी कहा जा रहा है कि नगरीय निकाय चुनाव से पूर्व पार्टी के भीतर उठे बवंडर को युवा और उम्रदराज नेताओं के बीच टकराव के तौर पर भी देखा जाना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस महासचिव (मीडिया) केके मिश्रा का कहना है कि नाथूराम गोडसे की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने वाले ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भी शीश नवाया है। उनका हृदय परिवर्तन हुआ है। ऐसे में उनका कांग्रेस में आना क्या गलत है। यह तो गांधीवादी विचारधारा की जीत है।

प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि कांग्रेस के लिए अहिंसा सिर्फ एक जुमला है। बंगाल के सुहारावर्दी से लेकर चंबल के बाबूलाल चौरसिया तक हिंसा के हजारों पैरोकारों को कांग्रेस ने प्रश्रय दिया है। ऐसे लोग कांग्रेस के जरिये ही अपना अस्तित्व बनाते आए हैं।

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