बिहार को सौगात, पटना हवाई अड्डे के नए घरेलू टर्मिनल को मोदी सरकार की मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने जीएसटी नेटवर्क यानी जीएसटीएन को सरकारी कंपनी बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बिहार को सौगात देते हुए पटना हवाई अड्डे पर 1216.90 करोड़ रुपये की लागत से डोमेस्टिक टर्मिनल की नई इमारत के निर्माण को मंजूरी दी है। इसके निर्माण से पटना हवाई अड्डे की क्षमता बढ़कर 45 लाख यात्री प्रति वर्ष हो जाएगी। फिलहाल यह क्षमता मात्र 7 यात्री प्रति वर्ष है।
1216.90 करोड़ रुपये से पटना में बनेगी नई डोमेस्टिक टर्मिनल बिल्डिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों संबंधी समिति ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी। यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 2015 में बिहार चुनाव से पूर्व घोषित किए गए बिहार पैकेज का हिस्सा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि इस परियोजना से देश में हवाई ढांचागत सुविधाओं में विस्तार होगा।
पटना हवाई अड्डे की नई टर्मिनल बिल्डिंग में 65,155 वर्ग मीटर क्षेत्र होगा और यह विश्व स्तरीय यात्री सुविधाओं से सुसज्जित होगी। इसके निर्माण से पटना क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी और अतिरिक्त रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इस परियोजना के साथ बिहार के लोगों की आकांक्षाएं पूरी होंगी।
होटल पाटिलपुत्र अशोक को बिहार सरकार को सौंपेगी केंद्र सरकार
सीसीईए ने एक अन्य फैसले में विनिवेश की नीति को आगे बढ़ाते हुए पटना स्थित आइटीडीसी के होटल पाटिलपुत्र अशोक को बिहार सरकार को सौंपने का फैसला किया। साथ जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में निर्माणाधीन अशोक होटल को भी वहां की राज्य सरकार को सौंपने का निर्णय किया गया।
अब इन होटलों का परिचालन राज्य सरकारें खुद या किसी निजी क्षेत्र की कंपनी के साथ साझीदारी में करेंगी। इससे पूर्व भी सरकार भोपाल, गुवाहटी, जयपुर और ईटानगर सहित कई शहरों में आइटीडीसी के होटलों को राज्य सरकारों को सौंप चुकी है।
सरकारी कंपनी बनेगा जीएसटीएन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने जीएसटी नेटवर्क यानी जीएसटीएन को सरकारी कंपनी बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि फिलहाल जीएसटीएन में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र व राज्यों की है जबकि 51 प्रतिशत हिस्सेदारी एचडीएफसी लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आइसीआइसीआइ बैंक लिमिटेड, एनएसई स्ट्रेटिजिक इन्वेस्टमेंट कंपनी और एलआइसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पास हैं।
सरकार अब इन संस्थाओं से जीएसटीएन की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को खरीद लेंगे। इसके बाद जीएसटीएन में केंद्र और राज्यों की 50:50 प्रतिशत हिस्सेदारी हो जाएगी। जीएसटीएन का गठन 28 मार्च 2013 को कंपनी कानून की धारा 8 के तहत एक अलाभकारी कंपनी के तौर पर किया गया था।