चीनी सेना की पूर्ण वापसी से कम में भारत तैयार नहीं, अगले सप्ताह फिर होगी सैन्य स्‍तर की बातचीत

चीन के साथ ताजा बातचीत में भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से चीनी सेना की वापसी से कम में वह बिल्कुल भी तैयार नहीं है। देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच आठ चक्र की वार्ता हो चुकी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 06:05 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 06:05 AM (IST)
चीनी सेना की पूर्ण वापसी से कम में भारत तैयार नहीं, अगले सप्ताह फिर होगी सैन्य स्‍तर की बातचीत
भारत ने कह दिया है कि LAC में चीनी सेना की पूर्ण वापसी से कम में वह तैयार नहीं है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। चीन के साथ ताजा बातचीत में भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि पूर्वी लद्दाख में पूरी तरह से चीनी सेना की वापसी से कम में वह बिल्कुल भी तैयार नहीं है। यह भारत का तात्कालिक लक्ष्य है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के उल्लंघन पर दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच आठ चक्र की वार्ता हो चुकी है। नौवें चक्र की वार्ता अगले सप्ताह हो सकती है।

पुरानी स्थिति में जाए चीन

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि भारत का पहला और तात्कालिक लक्ष्य उन इलाकों से चीन की सेना को पुरानी स्थिति में भेजना है, जहां से वह आगे आ गई है। एलएसी पर दोनों देशों के बीच पिछले पांच महीनों से गतिरोध बना हुआ है। दोनों देश बातचीत के जरिये सीमा विवाद सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं।

पाक ने किया 3,800 बार संघर्षविराम का उल्लंघन

चालू वर्ष में पाकिस्तान ने अभी तक नियंत्रण रेखा पर 3,800 से ज्यादा बार संघर्षविराम का उल्लंघन कर फायरिंग और गोलाबारी की है। इसमें कई बार नागरिक ठिकानों को भी जान-बूझकर निशाना बनाया गया। पाकिस्तान ने तमाम बार आतंकियों की भारत में घुसपैठ कराने के लिए ऐसा किया। साथ ही पाकिस्तानी सेना ने हथियारों और नशीले पदार्थो को भी सीमापार से भारत में भेजने की कोशिश की। इस कार्य के लिए पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और क्वाडकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया गया। यह जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय ने दी है।

वंदे भारत मिशन के तहत लाए गए 19.40 लाख भारतीय

कोविड-19 महामारी के दौर में वंदे भारत मिशन के तहत कई देशों में फंसे 19.40 लाख भारतीयों को भारत लाया गया। इसके लिए उन देशों की सरकारों के साथ तालमेल बनाकर 1,050 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित की गईं, जहां भारतीय फंसे हुए थे। वंदे भारत मिशन मई के प्रारंभ में शुरू हुआ था और यह अक्टूबर तक चला। यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी है।

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