Video : मेघालय के राज्यपाल सत्य पाल मलिक का छलका दर्द, बोले- कृषि के मुद्दे पर कुछ कहूंगा तो बन जाएगा विवाद
अपने बयानों से सुर्खियों में बने रहने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने रविवार को नए कृषि कानूनों के मसले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यदि कृषि के मुद्दे पर कुछ कहूंगा तो यह विवाद का विषय बन जाएगा।
जयपुर, जासं/एजेंसियां। अपने बयानों से सुर्खियों में बने रहने वाले मेघालय के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने रविवार को नए कृषि कानूनों के मसले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यदि कृषि के मुद्दे पर कुछ कहूंगा तो यह विवाद का विषय बन जाएगा। ये अखबार वाले ऐसा कर देते हैं कि मैं हफ्तों तक इंतजार करने लगता हूं कि दिल्ली से कोई टेलीफोन तो नहीं आया... हालांकि गवर्नर को हटाया नहीं जा सकता है फिर भी कुछ मेरे शुभचिंतक इस इंतजार में रहते हैं कि ये कुछ बोले और हटे... जिस दिन मुझे दिल्ली के लोगों ने पद छोड़ने के लिए कह दिया मैं वैसा ही करूंगा...
#WATCH | If I say something on farm issues, it will become a controversy. I wait for weeks for a call from Delhi...A Guv can't be removed but my well-wishers wait for me to say something... The day I am told by Delhi people to leave, I will do so: Meghalaya Guv Satya Pal Malik pic.twitter.com/XMruK4yQ5u— ANI (@ANI) November 7, 2021
सत्यपाल मलिक ने कहा कि कुछ लोग फेसबुक पर लिख देते हैं कि गवर्नर साहब जब इतना आप महसूस करते ही हैं तो इस्तीफा क्यों नहीं दे रहे... मैं पूछता हूं कि आपके पिता जी ने बनाया था मुझे। मुझे जिसने गवर्नर बनाया था... ना तो मैं वोट से बना... मुझे बनाया था दिल्ली में बैठे दो-तीन बड़े लोगों ने और मैं उनकी इच्छा के विरुद्ध बोल रहा हूं। ये तो मैं जानकार बोल ही रहा हूं कि उन्हें मेरी बातों से दिक्कत होगी... वो जिस दिन मुझे कह देंगे कि मुझे दिक्कत है छोड़ दो तो मैं एक भी मिनट नहीं लगाऊंगा और पद छोड़ दूंगा।
#WATCH | 600 people have died in this farm movement... Even when an animal dies, Delhi 'netas' express condolences, but they could not pass the proposal of 600 farmers in Lok Sabha..: Meghalaya Governor Satya Pal Malik, in Jaipur pic.twitter.com/Mz8RiaCScC
— ANI (@ANI) November 7, 2021
सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने तो बीते दिनों यह तय करके बोला था कि यदि मुझे कहा गया था तो मैं तुरंत पद छोड़ दूंगा और किसानों के धरने पर आकर बैठ जाऊंगा। देश में इतना बड़ा आंदोलन आज तक नहीं चला जिसमें छह सौ लोग शहीद हो गए। कुतिया भी मरती है तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश जाता है लेकिन छह सौ किसानों का प्रस्ताव लोकसभा में पास नहीं हुआ...
राज्यपाल मलिक रविवार को यहां तेजा फाउंडेशन की ओर से आयोजित ग्लोबल जाट समिट में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, मैने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा था कि किसानों के साथ दो काम मत करना। एक तो इन पर बल प्रयोग मत करना, दूसरा इन्हे खाली हाथ मत भेजना। ये 300 साल तक नहीं भूलने वाली कौम है। किसान दिल्ली से हारकर नहीं जाएंगे। मैंने पीएम से यह भी कहा था कि आप गलतफहमी में हैं, जाट और सिख दोनों को नहीं हराया जा सकता है।
मलिक ने कहा कि किसान बेहाल होकर खेती करते हैं। उनकी छोटी सी बात मान लेंगे तो क्या हो जाएगा। किसान आंदोलन के दौरान लालकिले पर झंडा फहराने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के बाद वहां झंडा फहराने का अधिकार किसानों का ही है। किसानों ने उस जगह झंडा नहीं फहराया, जहां पीएम फहराते हैं। मलिक ने केंद्र के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर भी सवाल उठाया।
बीते अक्टूबर महीने में भी सत्यपाल मलिक ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने झुंझुनूं में संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि किसान 10 महीने से सड़कों पर पड़े हैं। उन्होंने घर बार छोड़ रखा है, फसल बुवाई का समय है लेकिन किसान दिल्ली में पड़े हैं। सरकार को उनकी सुनवाई करनी चाहिए। सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर अपने विचार बतायेंगे। किसान और सरकार के बीच मध्यस्थता के सवाल पर मलिक ने कहा था कि मैं मध्यस्थता कर दूंगा। किसानों ने तो कह दिया कि हम मानने को तैयार हैं सरकार भी कह दे तब ना...