किसानों के साथ पांचवें दौर की वार्ता बेनतीजा, आठ दिसंबर को करेंगे भारत बंद, कृषि मंत्री ने कही यह बात

Centres fifth round of talks with agitating farmers किसानों के आंदोलन को लेकर किसानों और केंद्र के बीच पांचवें दौर की बैठक शुरू हो गई है। बैठक में किसानों के 40 प्रतिनिधि व कृषि मंत्री वाणिज्‍य मंत्री के अलावा कृषि मंत्रालय के कई अधिकारी शामिल हैं।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 11:37 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 09:41 PM (IST)
किसानों के साथ पांचवें दौर की वार्ता बेनतीजा, आठ दिसंबर को करेंगे भारत बंद, कृषि मंत्री ने कही यह बात
प्रधानमंत्री के आवास पर पांचवें दौर की बैठक

नई दिल्‍ली, एजेंसी। पिछले 10 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल और केंद्र के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की वार्ता बेनतीजा रही है। किसान नेता संसद के मानसून सत्र में पारित तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं। वार्ता के बाद किसानों ने कहा‍ कि उनकी ओर से आठ दिसंबर को भारत बंद टाला नहीं जाएगा। इसका आयो‍जन तय कार्यक्रम के अनुरूप होगा। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एमएसपी जारी रहेगा। इस पर शक करना बेबुनियाद है।

कृषि मंत्री ने कहा, 'अगर किसी को MSP पर संदेह है तो सरकार इसे सुलझाने के लिए तैयार है।' उन्होंने आगे कहा कि हम राज्यों में मंडी को प्रभावित करने का इरादा नहीं रखते हैं, वे कानून से प्रभावित नहीं हैं। एपीएमसी को और मजबूत करने के लिए सरकार अपनी शक्ति में कुछ भी करने को तैयार है। यदि किसी को APMCs के बारे में कोई गलत धारणा है, तो सरकार इसे स्पष्ट करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

कृषि मंत्री ने कहा कि हमने किसानों से कहा है कि सरकार उनके सभी पहलुओं पर विचार करेगी। अगर किसानों के नेताओं से सुझाव मिलते हैं तो इसका हल निकालना हमारे लिए आसान हो जाता है ... हम किसान यूनियनों से अनुरोध करते हैं कि वे कोविड और ठंड के मौसम में बुजुर्गों और बच्चों को घर वापस भेजें।

उन्होंने कहा कि मैं यूनियनों के कार्यक्रम पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। लेकिन मैं किसानों और यूनियनों से आग्रह करना चाहूंगा कि वे आंदोलन का रास्ता छोड़ें और चर्चा के रास्ते पर आएं। सरकार ने उनके साथ कई दौर की बातचीत की है और समाधान के लिए आगे की चर्चा के लिए तैयार है।

कृषि मंत्री ने कहा कि मैं किसानों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी सरकार आपके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा। पीएम मोदी के नेतृत्व में कई कृषि योजनाओं को लागू किया गया है। बजट और एमएसपी में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने आगे कहा कि किसानों को मोदी सरकार पर भरोसा रखना चाहिए कि जो भी किया जाएगा, वह उनके हित में होगा। मैं अनुशासन बनाए रखने के लिए किसान यूनियनों को धन्यवाद देना चाहता हूं ... चूंकि आज बातचीत पूरी नहीं हो सकी, इसलिए हमने 9 दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है।

उन्होंने कहा कि मैं किसानों से अपना आंदोलन छोड़ने का अनुरोध करना चाहता हूं ताकि वे इस ठंड के मौसम में असुविधा का सामना न करें और दिल्ली के नागरिक भी सुविधा के साथ जीवन जी सकें।

इससे पहले किसानों ने कहा कि वे कृषि कानूनों में संशोधन नहीं बल्‍कि पूरी तरह वापसी चाहते हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, किसान नेताओं के साथ अब अगले दौर की बैठक नौ दिसंबर को होगी।

Central Government has said that they will send us a proposal on December 9th. We will discuss it amongst ourselves after which a meeting with them will be held that day: Farmer leaders say after the fifth round of meeting with Central Government concludes#FarmLaws2020 pic.twitter.com/GidiFmEDYX

— ANI (@ANI) December 5, 2020

सरकार के साथ बातचीत के बाद किसान नेताओं ने बताया कि केंद्र सरकार ने कहा है कि सरकार ने हमसे तीन दिन का समय मांगा है। सरकार दिसंबर को हमें प्रस्‍ताव भेजेगी। इस प्रस्‍ताव पर सभी नेता विचार करेंगे... इसके बाद बैठक होगी। किसान नेताओं ने कहा कि हमारी ओर से आठ दिसंबर को बुलाया गया भारत बंद ज़रूर होगा। सरकार को इन कानूनों को रद करना होगा। 

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार का कहना है कि  वह राज्यों से भी सलाह लेगी। MSP पर भी चर्चा हुई। हमने कहा कि कानून में भी एमएसपी की बात शामिल होनी चाहिए। हमारा भारत बंद पूर्ववत 8 दिसंबर को आयोजित होगा। 

During the fifth round of talks with the Central Government, at Vigyan Bhavan, farmers said that they need a solution/commitment. They said that they don’t want further discussion and want to know what has the government decided on the farmers' demand.

— ANI (@ANI) December 5, 2020

आज हुई बैठक में किसानों की ओर से 40 प्रतिनिधि और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्‍य मंत्री पीयूष गोयल के अलावा पंजाब से सांसद और राज्‍य वित्‍त मंत्री सोम प्रकाश व कृषि मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हुए। 

बैठक में जारी चर्चा के दौरान किसान कानून को रद करने की मांग पर अड़ गए। सरकार की ओर से कानूनों में संशोधन का प्रस्‍ताव दिया गया जिसे किसानों की ओर से ठुकरा दिया गया। किसान की ओर से बैठक में शामिल प्रतिनिधिमंडल ने स्‍पष्‍ट कहा कि इस मामले में काफी चर्चा हो गई है हमें लिखित जवाब चाहिए। बैठक के लिए विज्ञान भवन आने वाले किसानों का प्रतिनिधिमंडल अपने साथ खाना लेकर आया।

#WATCH Delhi: Farmer leaders, present at the fifth round of talks with Central Government, have food that they had carried to the venue.

A Kar Sewa vehicle that carried food for them arrived here earlier today. They'd got their own food even during 4th round of talks on Dec 3. https://t.co/hDP8cwzSGJ" rel="nofollow pic.twitter.com/XSR6m2lljS

— ANI (@ANI) December 5, 2020

जानें अब तक के अपडेट-

- जमूरी किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी कुलवंत सिंह संधू ने कहा, 'कनाडा के संसद में यह मामला उठा और वहां के प्रधानमंत्री ने भारत सरकार को पत्र लिखा। यदि वहां के संसद में इसपर चर्चा हो सकती है तो यहां के संसद में क्‍यों नहीं।' 

- किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच पांचवें दौर की वार्ता जारी है। सरकार की ओर से बैठक की मुख्‍य बातों का लिखित जवाब दे दिया गया है। बैठक के बीच अभी 15 मिनट का ब्रेक लिया गया।

- किसानों ने कहा कि उन्‍हें अपनी मांग के लिए समाधान/प्रतिबद्धता की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि वे आगे इसपर चर्चा नहीं चाहते हैं। इसके अलावा किसानों ने कहा कि उनकी मांग पर सरकार के फैसले को जानना चाहते हैं।

- बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक के बिन्दुवार लिखित जवाब देने को कहा, जिसके लिए सरकार सहमत हो गई।

- आजाद किसान संघर्ष कमिटी के प्रदेश अध्‍यक्ष हरजिंदर सिंह टांडा (Harjinder Singh Tanda) ने कहा, 'हम कानूनों की पूरी तरह वापसी चाहते हैं। यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो हम आंदोलन जारी रखेंगे।

- इसके लिए सिंघु (Singhu) बॉर्डर से रवाना हुए किसान नेताओं की बस विज्ञान भवन पहुंची। एक किसान नेता ने कहा, 'ये कानून रद होने चाहिए। यदि वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकलता तो भारत बंद (8 दिसंबर को) किया जाएगा।' 

 इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर इसी मुद्दे पर बातचीत के लिए अहम केंद्रीय मंत्रियों के साथ उच्‍चस्‍तरीय बैठक संपन्‍न हो गई है। इसमें केंद्रीय मंत्री अमित शाह ( Union ministers Amit Shah), राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल शामिल हुए।

किसानों से कृषि मंत्री को है ये उम्‍मीद

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'आज दोपहर दो बजे किसानों के साथ बैठक होगी। मैं काफी आशान्‍वित हूं कि किसान सकारात्‍मक सोचेंगे और अपना आंदोलन खत्‍म करेंगे।'  किसान संयुक्‍त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा, 'आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद करने के लिए ही बात होगी।' 

कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े हैं किसान

इससे पहले गुरुवार को विज्ञान भवन में किसान प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार की वार्ता हुई थी लेकिन कोई निष्‍कर्ष नहीं निकाला जा सकता था। हालांकि किसानों की कुछ मांगों को लेकर केंद्र सरकार ने सहमति जताई थी। इस क्रम में आज होने वाली बैठक दोपहर दो बजे से शुरू हो गई है। मानसून सत्र के दौरान संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की जा रही है।  सरकार ने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ये तीनों कानून किसानों के लिए बेहतर मौके लाएंगे। 

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