दिनेश त्रिवेदी का आरोप, राष्‍ट्रपति चुनाव में प्रणब मुखर्जी को वोट नहीं देना चाहती थीं ममता बनर्जी

भाजपा नेता और पूर्व राज्‍यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि 2012 में प्रणब मुखर्जी UPA की ओर से राष्ट्रपति के उम्मीदवार थे। तब ममता जी ने उनका विरोध किया।उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रणब मुखर्जी को वोट नहीं देंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 18 Mar 2021 07:17 PM (IST) Updated:Thu, 18 Mar 2021 09:20 PM (IST)
दिनेश त्रिवेदी का आरोप, राष्‍ट्रपति चुनाव में प्रणब मुखर्जी को वोट नहीं देना चाहती थीं ममता बनर्जी
भाजपा नेता और पूर्व राज्‍यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने कहा

 कोलकाता, एएनआइ। भाजपा नेता और पूर्व राज्‍यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि 2012 में प्रणब मुखर्जी UPA की ओर से राष्ट्रपति के उम्मीदवार थे। तब ममता जी ने उनका विरोध किया।उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रणब मुखर्जी को वोट नहीं देंगे। वे खुद बंगाल की बेटी है तो प्रणब मुखर्जी भी बंगाल के पुत्र थे। उनकी करनी और कथनी में फर्क है। हम लोग शुभेंदु अधिकारी के साथ 12 से ज्यादा सांसद थे और हमने कहा था कि हम प्रणब मुखर्जी को वोट देंगे। ममता बनर्जी को लगा कि इससे पार्टी में दरार आ जाएगी। फिर ममता बनर्जी ने दुख भरे शब्दों में कहा था कि मुझे प्रणब मुखर्जी को वोट देना पड़ रहा है।

हम लोग शुभेंदु अधिकारी के साथ 12 से ज्यादा सांसद थे और हमने कहा था कि हम प्रणब मुखर्जी को वोट देंगे। ममता बनर्जी को लगा कि इससे पार्टी में दरार आ जाएगी। फिर ममता बनर्जी ने दुख भरे शब्दों में कहा था कि मुझे प्रणब मुखर्जी को वोट देना पड़ रहा है: BJP नेता दिनेश त्रिवेदी https://t.co/DAKn8ZVOFA" rel="nofollow— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2021

उन्‍होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो तोलाबाजी हो रही है, हिंसा है, कटमनी का चलन है उससे लोग ऊब गए हैं। बंगाल का जो दर्जा होना चाहिए आने वाले दिनों में वह दर्जा फिर से मिलने वाला है। जहां शांति नहीं है, वहां उन्नती नहीं हो सकती है।  

तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का भ्रष्टाचार और हिंसा मॉडल अब काम नहीं करेगा और राज्य को वापस अंधेरे दिनों में ले जाएगा। उन्होंने ममता द्वारा भाजपा नेताओं, पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक को बाहरी बताने को बंगाल के उदारवादी लोकाचार का 'विरोधी' करार दिया।

पूर्व रेल मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए उनकी सराहना की और कहा कि लोगों ने उनके नेतृत्व में विश्वास किया है। उन्होंने कहा कि बंगाल में जारी हिंसा और इस बारे में कुछ भी कर पाने में अपनी असमर्थता के कारण उन्हें घुटन महसूस हो रही थी।

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