शाह रुख खान की राजनीतिक बलि दी गई, मुंबई में बोलीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि शाह रुख खान की राजनीतिक बलि दी गई है। बता दें कि दो अक्टूबर को शाह रुख के पुत्र आर्यन खान को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की एक कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया था।

By TaniskEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 10:13 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 10:13 PM (IST)
शाह रुख खान की राजनीतिक बलि दी गई, मुंबई में बोलीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और शाह रुख खान ।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को मुंबई में चुनिंदा लोगों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि शाह रुख खान की राजनीतिक बलि दी गई है। बता दें कि दो अक्टूबर को शाह रुख खान के पुत्र आर्यन खान को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की एक कार्रवाई में मुंबई से गोवा जा रहे क्रूज कार्डेलिया से उनके कुछ साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। करीब 28 दिन बाद उन्हें जमानत मिल पाई। ममता ने उस घटना को राजनीतिक रंग देते हुए कहा कि शाह रुख की राजनीतिक बलि दी गई है। इसके लिए उन्होंने भाजपा को क्रूर एवं अलोकतांत्रिक पार्टी भी बताया।

बता दें कि ममता ने शाह रुख को बंगाल का ब्रांड एंबेसडर बनाया हुआ है। वे सार्वजनिक तौर पर शाह रुख को छोटा भाई बताती हैं और उन्हें राखी भी बांधती हैं। शाह रुख आइपीएल की एक टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के मालिकों में से एक हैं। इसके बावजूद आर्यन खान की गिरफ्तारी के बाद लंबे समय तक ममता का कोई बयान न आने पर कांग्रेस ने उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए थे। इस मुद्दे पर बुधवार को पहली बार ममता ने मुंह खोला है।

ममता ने मुंबई के जिन चुनिंदा लोगों के बीच यह बात कही उनमें कई भाजपा विरोधी शख्सियतें भी शामिल थीं। इस कार्यक्रम में स्वरा भास्कर, महेश भट्ट, शत्रुघ्न सिन्हा, जावेद अख्तर, मेधा पाटकर, तुषार गांधी और विद्या चह्वाण के साथ आर्यन का मुकदमा लड़नेवाले वकील मुकुल रोहतगी भी शामिल रहे।

शाह रुख खान के बेटे आर्यन खान को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने अक्टूबर की शुरुआत में मुंबई में एक क्रूज जहाज पर छापा मारने के बाद गिरफ्तार किया था। बांबे हाई कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने से पहले आर्यन (23) ने लगभग एक महीने जेल में बिताए। हाई कोर्ट ने क्रूज पर ड्रग्स के मामले में अपने विस्तृत आदेश में कहा था कि प्रथम दृष्टया आरोपियों के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे पता चलता हो कि उन्होंने अपराध करने की साजिश रची थी।

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