समीर ठक्कर के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की कार्रवाई लोकतंत्र के लिए खतरनाक- वरुण गांधी
गांधी ने कहा कि अगर देश का नागरिक सुरक्षित नहीं है तो जनतंत्र खतरे में है। महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दमनकारी कार्रवाई पर अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए भाजपा नेता ने शुक्रवार को सोशल मीडिया का सहारा लिया।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय जनता पार्टी के संसद सदस्य पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी एक आम सोशल मीडिया यूजर, समीर ठक्कर के बचाव में सामने आए हैं और आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र सरकार ने उनके खिलाफ जो कार्रवाई की, वह अवैध के अलावा लोकतंत्र के लिए खतरनाक थी। गांधी ने ठक्कर को जिस तरह से ट्रीट किया गया, उसे 'अमानवीय, गैरकानूनी और अनैतिक' करार दिया है, जो अधिनायकवाद और फासीवाद की पुनरावृत्ति है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई (सरकार द्वारा) राष्ट्र को कमजोर करती है और लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
समीर ठक्कर की तस्वीरें सामने आइ थी, जो एक ट्विटर उपयोगकर्ता और प्रभावशाली व्यक्ति है जिनके 62,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं, जिन्हें अदालत में ले जाते समय काले कपड़े पहनाए गए थे और चेहरा ढका हुआ था और हाथों को बांधा हुआ था। इसपर भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी से तीखी आलोचना की है। बता दें कि पीएम मोदी, रेल मंत्री पीयूष गोयल का कार्यालय, भाजपा सांसद मेनका गांधी, वरुण गांधी, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और दिल्ली भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा भी ठक्कर को फॉलो किए हुए हैं।
एएनआइ से बात करते हुए, सांसद ने कहा, 'यह पूरी तरह से अमानवीय, अवैध और अनैतिक है। लोकतंत्र में बातचीत को मजबूत करने के लिए राजनीतिक विरोध हो सकता है और होना चाहिए। हमारे पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है और एक इंसान को जानवरों की तरह ट्रीट करना राष्ट्र को कमजोर करता है।'
महाराष्ट्र पुलिस द्वारा दमनकारी कार्रवाई पर अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए भाजपा नेता ने शुक्रवार को सोशल मीडिया का सहारा लिया। बता दें कि ठक्कर को पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे के खिलाफ ट्विटर पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। उन्हें नागपुर की एक अदालत ने 2 नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
गांधी ने तर्क दिया कि किसी पर भी लगाए गए आरोपों का विरोध विपक्ष द्वारा आवाज उठाने या कानूनी सहारा लेने से किया जा सकता है, लेकिन आवाज का विरोध करने के लिए चुप्पी साधने के लिए सत्ता का इस्तेमाल करना एक लोकतंत्र में और इसके लिए खतरनाक मिसाल है। उन्होंने कहा कि जब कोई आपके खिलाफ आरोप लगाता है तो आप अदालत जा सकते हैं, सच बोल सकते हैं, अपनी राय बता सकते हैं। लेकिन अगर आप शक्ति, उसके यंत्रों का क्रूरता, विरोध को कुचलने और एक आवाज को चुप कराने के लिए उपयोग करना शुरू करते हैं, तो आप बहुत अंधेर नगरी में फिसल रहे हैं। यह खतरनाक मिसाल है।
उन्होंने कहा कि यह युवा अभी भी भारत का नागरिक है और उसके पास संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार हैं। वह एक इंसान है। उन्हें संविधान के तत्वावधान में स्वतंत्र रूप से राय देने के लिए एक नागरिक के रूप में अधिकार है। गांधी ने कहा कि अगर देश का नागरिक सुरक्षित नहीं है तो जनतंत्र खतरे में है।