महाराष्‍ट्र एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो ने राकांपा नेता अजित पवार को सिंचाई घोटाले में दी क्‍लीन चिट

महाराष्‍ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (Maharashtra’s anti-corruption bureau ACB) ने अजित पवार को कथित सिंचाई घोटाले में क्‍लीन चिट दे दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 07:39 AM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 11:14 AM (IST)
महाराष्‍ट्र एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो ने राकांपा नेता अजित पवार को सिंचाई घोटाले में दी क्‍लीन चिट
महाराष्‍ट्र एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो ने राकांपा नेता अजित पवार को सिंचाई घोटाले में दी क्‍लीन चिट

मुंबई, एएनआइ। राकांपा नेता अजित पवार को सिंचाई घोटाले (Irrigation scam) में बड़ी राहत मिली है। महाराष्‍ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (Maharashtra’s anti-corruption bureau, ACB) ने अजित पवार को कथित सिंचाई घोटाले में क्‍लीन चिट दे दी है। एसीबी ने बीते 27 नवंबर को बॉम्‍बे हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। इस हलफनामे में कहा गया है कि तत्‍कालीन VIDC चेयरमैन अजित पवार (Ajit Pawar) को निष्पादन एजेंसियों के कृत्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका ऐसा कोई कानूनी दायित्‍व नहीं बनता है।    

उल्‍लेखनीय है कि महाराष्‍ट्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा इस घोटाले को लेकर अजित पवार पर निशाना साधते रहे हैं। साल 2014 में मुख्‍यमंत्री बनने के बाद फडणवीस ने ही पहली कार्रवाई की थी। उन्‍होंने सिंचाई घोटाले में अजित पवार की कथित भूमिका की जांच के आदेश दिए थे। रिपोर्टों में कहा गया है कि पूर्व की कांग्रेस-एनसीपी सरकार के वक्‍त जब अजित पवार उप मुख्‍यमंत्री थे तब करीब 70 हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया था। 

बता दें कि महाराष्ट्र के इस चर्चित घोटाले में भ्रष्‍टाचार रोधी ब्‍यूरो (anti-corruption bureau, ACB) ने नवंबर 2018 में पूर्व उप-मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार पर सवाल उठाया था। रिपोर्टों के मुताबिक, महाराष्ट्र एसीबी ने तब हाईकोर्ट को बताया था कि करोड़ों रुपए के कथित भ्रष्‍टाचार के मामले में पवार एवं अन्य सरकारी अधिकारियों की चूक सामने आई है। मालूम हो कि अजित पवार के पास साल 1999 से 2014 के दौरान कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी थी।

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