दमोह में 59.81 फीसद मतदान, 22 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद, अब दो मई का इंतजार

कांग्रेस के पूर्व विधायक राहुल सिंह के इस्तीफे से खाली हुई दमोह विधानसभा सीट के उपचुनाव का मतदान शनिवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। निर्वाचन आयोग से प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक सुबह सात से शाम सात बजे तक कुल 59.81 फीसद मतदान हुआ है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 10:32 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 10:32 PM (IST)
दमोह में 59.81 फीसद मतदान, 22 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद, अब दो मई का इंतजार
दमोह विधानसभा सीट के उपचुनाव का मतदान शनिवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया।

दमोह, जेएनएन। कांग्रेस के पूर्व विधायक राहुल सिंह के इस्तीफे से खाली हुई दमोह विधानसभा सीट के उपचुनाव का मतदान शनिवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। उपचुनाव में मुख्य मुकाबला पाला बदलकर भाजपा में शामिल हुए राहुल सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के बीच माना जा रहा है। वैसे इस उपचुनाव में कुल 22 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। सुबह सात से शाम सात बजे तक कुल 59.81 फीसद मतदान हुआ है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां 74.45 फीसद मतदान हुआ था।

इस बार बढ़ाए गए मतदान केंद्र

इस बार मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई थी। यही नहीं सहायक मतदान केंद्र भी बनाए गए थे। दमोह विधानसभा में कुल 359 मतदान केंद्र बनाए गए जिनमें 289 मतदान केंद्र के साथ 70 सहायक मतदान केंद्र थे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मतदान केंद्रों में मास्क, सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग और ग्लब्स की व्यवस्था के साथ शारीरिक दूरी के लिए गोले बनाए गए थे।

भाजपा और कांग्रेस ने लगाया था पूरा जोर

भाजपा और कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं ने इस उपुचनाव को लेकर प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा पूरे समय दमोह में डेरा डाले रहे तो कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ सहित अन्य नेताओं ने मोर्चा संभाला था। अब दो मई को नतीजों से तय होगा कि मतदाताओं ने उनके भाजपा में जाने पर सहमति दी है या उनका फैसला नामंजूर कर दिया है।

सुरक्षा के चाकचौबंद बंदोबस्‍त

इस उपचुनाव (Damoh byelection) को लेकर सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम किए गए थे। मतदान की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्‍न कराने के लिए एक हजार 448 पोलिंग कर्मचारी और 432 रिजर्व पोलिंग कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। सुरक्षा के लिए सीएपीएफ की तीन और एसएएफ की दो कंपनियां तैनात की गई। इसके अलावा 859 डीपीएफ, 413 होम गार्ड और 359 एसपीओ तैनात किए गए थे। विधानसभा क्षेत्र से पांच हजार 163 हथियार जमा कराए गए थे। 

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