Madhya Pradesh : आज हो सकता है विभागों का आवंटन, शिवराज ने केंद्रीय नेताओं से की मुलाकात
किस मंत्रियों को कौन सा विभाग सौंपा जाए... इस मसले को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को दिल्ली पहुंचे और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार के चौथे दिन सोमवार को मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा हो सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभागों को लेकर अंतिम निर्णय लेने से पहले रविवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महामंत्री बीएल संतोष से मुलाकात की। इसके अलावा उनकी अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी इस मसले पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि सोमवार को दिल्ली प्रवास से लौटने के बाद वह मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर देंगे। मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है।
सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल विस्तार में जिस तरह राज्यसभा सदस्य ज्योदिरादित्य सिंधिया को तवज्जो दी गई है ठीक उसी तरह उनके कोटे से आए मंत्रियों को विभाग भी मिलेंगे। बताया जा रहा है कि नगरीय विकास, लोक निर्माण, परिवहन सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा सिंधिया समर्थक मंत्रियों को दिया जा सकता है। इसको लेकर ही समन्वय स्थापित करने पर मंथन चल रहा है। दरअसल, कमल नाथ सरकार में भी सिंधिया कोटे के मंत्रियों के पास स्वास्थ्य, परिवहन, राजस्व, महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, श्रम जैसे विभाग थे।
शिवराज सरकार में भी सिंधिया समर्थक मंत्रियों को इससे कमतर विभाग नहीं दिए जाने का दबाव है। हालांकि, भाजपा से जुड़े कुछ पदाधिकारी चाहते हैं कि 24 विधानसभा सीटों के उपचुनाव की तैयारियों के मद्देनजर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के मंत्रियों को ऐसे विभाग दिए जाएं, जिनमें फिलहाल समय अधिक न देना पड़ा जबकि दूसरा पक्ष चाहता है कि मतदाताओं के बीच संदेश देने के लिए इन्हें बड़े विभाग देना जरूरी है ताकि यह संदेश जाए कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने से उनका कद बढ़ा है। इसका फायदा क्षेत्र को मिलेगा और विकास कार्यों में गति आएगी।
भाजपा उपचुनाव में ग्वालियर-चंबल के साथ विकास के मुद्दे पर हुए भेदभाव को लेकर जाने की रणनीति पर काम कर रही है। यही वजह है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन 22 पूर्व विधायकों के साथ मुख्यमंत्री आवास में गुरवार को लंबी बैठक की थी, जहां उपचुनाव होने हैं। यहां के विकास कार्यो को लेकर सूची भी तैयार हो चुकी है।
विभागों के बंटवारे के बाद इनके संबंधित प्रस्तावों को कैबिनेट में लाकर पारित किया जाएगा और बजट में भी प्रावधान किए जाएंगे। विभागों में भी हो सकता है परिवर्तन सूत्रों का कहना है कि पहले से मंत्रिमंडल में शामिल पांच मंत्रियों (डॉ.नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और मीना सिंह) को आंवटित विभागों में भी परिवर्तन हो सकता है। दरअसल, वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांचों मंत्रियों को कुछ विभाग और कोरोना की रोकथाम के मद्देनजर दो-दो संभागों की जिम्मेदारी सौंपी थी।