एससीओ की शिखर बैठक में पीएम मोदी की पाक को दो टूक, कहा- द्विपक्षीय मुद्दों को उठाना सही नहीं

इस बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत विश्व के अन्य बड़े नेता जुड़े हुए हैं। वर्चुअल बैठक में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अपने 75 years पूरे किए हैं। हालांकि अनेक सफलताओं के बाद भी संयुक्त राष्ट्र का मूल लक्ष्य अभी अधूरा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Tue, 10 Nov 2020 03:02 PM (IST) Updated:Tue, 10 Nov 2020 08:36 PM (IST)
एससीओ की शिखर बैठक में पीएम मोदी की पाक को दो टूक, कहा- द्विपक्षीय मुद्दों को उठाना सही नहीं
SCO Summit में बोलते हुए पीएम मोदी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को निशाने पर लिया। एससीओ की वर्चुअल शिखर बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पाकिस्तान को ताकीद की कि वह इस तरह की बहुपक्षीय बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों को न उठाया करे जबकि चीन की तरफ इशारा किया कि कनेक्टिविटी परियोजनाओं में दूसरे देशों की भौगोलिक अखंडता व संप्रभुता का आदर करना जरूरी है। आठ देशों के इस संगठन की वर्चुअल बैठक में मोदी जब उक्त बात बोल रहे थे तब चिनफिंग और इमरान खान के अलावा रूस रे राष्ट्रपति पुतिन भी उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता पुतिन ने की।

पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैन्य तनाव पैदा होने के बाद यह पहली बैठक थी जिसमें मोदी व चिनफिंग एक साथ उपस्थित रहे। इस महीने इस तरह की तीन और बैठकों (ब्रिक्स शिखर बैठक, समूह-20 बैठक और ईस्ट एशिया सम्मेलन) में एक साथ होंगे। हालांकि इनके बीच द्विपक्षीय वार्ता होने की अभी कोई संभावना नहीं है।

भारत हमेशा से एससीओ के सिद्धांतों का करता है पालन: पीएम मोदी

मोदी ने कहा कि भारत हमेशा से एससीओ के सिद्धांतों का पालन करता रहा है। लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि इन बैठकों में द्विपक्षीय मुद्दों को उठाया जा रहा है जो एससीओ के सिद्धांत और बीजिंग घोषणा पत्र के खिलाफ है। मोदी ने यह बात पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कही क्योंकि पूर्व की कई बैठकों में एससीओ में उसकी तरफ से कश्मीर मुद्दे को परोक्ष या प्रत्यक्ष तौर पर उठाने की कोशिश की गई है। सितंबर, 2020 में एससीओ की एक बैठक से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल बीच में छोड़ कर उठ गए थे।

उसमें पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने पूरे कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा दिखाया था। इसके पहले पीएम ने एससीओ की तरफ से शुरू की जाने वाली कनेक्टिविटी परियोजनाओं का स्वागत किया और भारत की प्रतिबद्धता भी जताई। साथ ही यह भी कहा कि यह जरूरी है कि इस संदर्भ में हम एक दूसरे की संप्रभुता और अखंडता का ध्यान रखते हुए आगे बढ़े।

सीपीईसी का भारत शुरू से कर रहा है विरोध

यह बात चीन की तरफ से पाकिस्तान के गुलाम कश्मीर में चीन पाकिस्तान इकोनामिक कारिडोर (CPEC) के संदर्भ में कही है। सीपीईसी चीन की तरफ से लगाई जा रही बेल्ट एंड रोड इनिसएटिव (BRI) का एक अहम हिस्सा है जिसका भारत शुरू से ही विरोध कर रहा है। भारत का कहना है कि गुलाम कश्मीर उसका हिस्सा है जिस पर पाकिस्तान ने कब्जा जमा रखा है। पीएम ने यहां भारत की तरफ से चाबहार पोर्ट और अशगाबाद प्रोजेक्ट का भी जिक्र किया जिसके तहत ईरान व दूसरे केंद्रीय एशियाई देशों में पोर्ट व रोड परियोजनाएं स्थापित करने का काम शुरू किया गया है। इन परियोजनाओं को स्थानीय सरकार के साथ व्यापक विमर्श के बाद लागू किया जा रहा है।

पीएम ने अपने भाषण में कहा कि भारत ने कोरोना से लड़ाई के लिए दुनिया के 150 देशों को मदद पहुंचाई है। भारत कोरोना से त्रस्त दूसरे देशों को आर्थिक मुश्किलों से उबरने में भी मदद कर रहा है। भारत एससीओ के सदस्यों की एक बैठक 30 नवंबर को आयोजित करेगा जिसमें कुछ देशों के पीएम और कुछ देशों के विदेश मंत्री हिस्सा लेंगे। भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस.जयशंकर हिस्सा लेंगे।

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