Parliament Monsoon Session: लोकसभा में पारित हुआ मंत्रियों और सांसदों के वेतन-भत्ते में कटौती से जुड़ा बिल

Parliament Monsoon Session लोकसभा में आज मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक 2020 पारित हो गया।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 09:36 AM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 10:51 PM (IST)
Parliament Monsoon Session: लोकसभा में पारित हुआ मंत्रियों और सांसदों के वेतन-भत्ते में कटौती से जुड़ा बिल
Parliament Monsoon Session: लोकसभा में पारित हुआ मंत्रियों और सांसदों के वेतन-भत्ते में कटौती से जुड़ा बिल

नई दिल्ली, एजेंसियां। संसद के मानसून सत्र की आज 7वां दिन है। कृषि से जुड़े तीन विधेयकों पर आज संसद की अंतिम मुहर लग गई है। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि बिल ध्वनि मत से पास हो गया है।वहीं, लोकसभा में आज मंत्रियों के वेतन और भत्ते (संशोधन) विधेयक 2020 [Salaries and Allowances of Ministers (Amendment) Bill 2020] पारित हो गया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक 2020 (National Forensic Science University Bill 2020) भी पारित किया गया।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोरोना संकट मानव जाति के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। हम कोरोना के कारण असाधारण परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। जब भी राष्ट्र के समक्ष कोई समस्या उत्पन्न हुई, इस संसद ने एक रास्ता दिखाया है। ऐसी परिस्थितियों में आयोजित इस सत्र से लोगों की उम्मीदें हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं पहले दिन से यह कह रहा हूं कि आपने (सांसदों) स्वास्थ्य सुरक्षा के खतरे के मद्देनजर संसद में इतनी बड़ी संख्या में संसद में आकर एक सकारात्मक संदेश दिया है।

Parliament Monsoon Session Updates:

संसद में हुए हंगामे और कृषि विधेयक को लेकर 6 मंत्रियों ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

उच्च सदन से पास हुए कृषि सुधार विधेयक को लेकर मोदी सरकार के 6 मंत्री संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल, प्रकाश जावड़ेकर, थावरचंद गहलोत, प्रह्लाद जोशी और मुख्तार अब्बास नकवी शामिल हैं। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि आज राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर चर्चा के दौरान जो हुआ वो दुखद और शर्मनाक था। संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी सत्ता पक्ष की बनती है, लेकिन विपक्ष का भी सहयोग जरूरी होता है।

संसद में हुई बहुत ही शर्मनाक घटना: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा कि आम लोगों और आम किसानों के बीच गलतफहमी पैदा करके राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने की कोशिश हो रही है। ना ही APMC समाप्त हो रही है, ना ही MSP समाप्त हो रहा है। किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य को भी काफी हद तक पूरा किया गया है। राज्यसभा के उप सभापति चेयरमैन हरिवंश नारायण के साथ दुर्व्यवहार हुआ है, इसे पूरे देश ने देखा है। वे मूल्यों के प्रति विश्वास रखने वाले व्यक्ति हैं।विपक्ष के सदस्य उनके आसन पर चढ़ गए और रूल्स बुक को भी फाड़ दिया। मेरी जानकारी में संसदीय इतिहास कभी ऐसी घटना ना ही लोकसभा और ना ही राज्यसभा में हुई है। जो भी हुआ है, वह संसद की गरिमा के अनुसार नहीं हुआ है। कुछ सांसदों के द्वारा उपसभापति के साथ जैसा आचरण किया गया, उसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।

इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जिस समय मत विभाजन की बात हो रही थी, उस वक्त विपक्ष के सांसद हिंसा कर रहे थे।

राजद ने बताया काला दिन 

RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि इस हुकूमत में हम एक दिन कहते हैं कि आज सबसे काला दिन था, परन्तु अगले दिन पता चलता है कि बीता हुआ दिन कम काला था और ये ज्यादा काला है। आप एक ऐसा बिल लेकर आ रहे हैं जिससे पूरे देश में आंदोलन शुरू हो गया है, आप सड़क और संसद के बीच का तार तोड़ रहे हैं। 

उप सभापति के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाएगी कांग्रेस 

राज्‍यसभा के उप सभापति हरिवंश के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने की बात कही है। कांग्रेस ने उप सभापति हरिवंश पर अलोकतांत्रिक व्‍यवहार करने का आरोप लगाया है। 

उपराष्ट्रपति के आवास पर उच्च स्तरीय बैठक

राज्यसभा में कृषि से विधेयकों (Agriculture Bill) पेश किए जाने के दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ। संसद की मर्यादा उस वक्‍त तार तार हो गई जब सदस्य वेल तक पहुंच गए और बिल की कॉपी भी फाड़ दी। सदस्‍यों ने कथित धक्का मुक्की में कोविड के नियमों का भी ध्यान नहीं रखा। इस घटना के बाद राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के आवास पर उच्च स्तरीय बैठक चल रही है। इस बैठक में राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल और संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी मौजूद हैं। 

कांग्रेस का लोकतंत्र पर भरोसा नहीं

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि राज्यसभा में चर्चा ठीक हो रही थी, बिल बहुमत से पास होने वाले थे। जब कांग्रेस को लगा कि वो बहुमत में नहीं है तो वो गुंडागर्दी पर उतर आए। आज कांग्रेस ने आपातकाल के बाद फिर एक बार ये सिद्ध कर दिया कि इस कांग्रेस का लोकतंत्र और प्रजातंत्र पर भरोसा नहीं है। 

टीएमसी का सरकार पर आरोप

राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू हो गई है। कृषि बिल को लेकर विपक्षी सांसद सदन के वेल में नारे लगा रहे हैं। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने उन्हें अपनी सीटों पर लौटने के लिए कहा। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सरकार ने संसद का हर नियम को तोड़ दिया है।

TMC सांसद ने फाड़ी रुल बुक

राज्यसभा में कृषि बिल पर जोरदार हंगामा हो रहा है। टीएमसी सांसद डेरेक ओ' ब्रायन और सदन के अन्य सदस्यों ने कृषि बिलों पर चर्चा के दौरान वेल में प्रवेश किया। इस दौरान डेरेक ओ' ब्रायन ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश से सामने रूल बुक को फाड़ दिया। इसके बाद राज्यसभा का कार्यवाही को स्थग्त कर दिया गया है।

वेल में पहुंचे सांसद

राज्यसभा में कृषि बिल को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है। विपक्षी दलों के सांसद वेल के पास इकट्ठा होकर नारेबाजी कर रहे हैं।

अहमद पटेल का निशाना

राज्यसभा में कृषि बिल पर कांग्रेस के सांसद अहमद पटेल ने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष ने हमारे घोषणापत्र का अध्ययन किया और अपने बिल की तुलना करने के लिए इसमें से कुछ बिंदुओं को सामने लाएं। हमारा घोषणा पत्र एक घोड़ा है और उन्होंने इसकी तुलना गधे से करने की कोशिश की है।

सरकार से शिवसेना का सवाल

बिल पर चर्चा के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत राज्यसभा में कहा कि क्या सरकार देश को आश्वस्त कर सकती है कि कृषि सुधार विधेयकों के पारित होने के बाद, किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी और कोई भी किसान आत्महत्या नहीं करेगा?.... इन विधेयकों पर चर्चा करने के लिए एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।

अकाली दल की चेतावनी

शिरोमणि अकाली दल (SAD) के सांसद नरेश गुजराल ने बिल को सेलेक्ट कमिटी को भेजने की मांग करते हुए कहा कि सभी हितधारकों की बातों को सुना जाए। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को कमजोर न समझे।

These Bills should be sent to a select committee so that all stakeholders can be heard...Don't think that the farmers of Punjab are weak: SAD MP Naresh Gujral, in Rajya Sabha, on agriculture Bills pic.twitter.com/Q9p0z1yOBd— ANI (@ANI) September 20, 2020

YSR कांग्रेस का समर्थन

YSRCP राज्यसभा में कृषि विधेयक का समर्थन किया है। पार्टी के सांसद विजयसाई रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस के पास इन विधेयकों का विरोध करने का कोई कारण नहीं है। पूर्व की सरकार मिडलमैन का समर्थन करती थी। इस बयान पर कांग्रेस ने हंगामा किया। कांग्रेस सासद आनंद शर्मा ने उनसे माफी की मांग की।

बिल पर बहस नहीं करना चाहती सरकार

समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने राज्यसभा में कहा कि सरकार बिल पर बहस नहीं करना चाहती है। वो जल्द से जल्द सिर्फ बिल पास कराना चाहती है। बिल लाने के पहले विपक्ष के नेताओं से बात करनी चाहिए थी। सरकार ने भारतीय मजदूर संघ तक से परामर्श नहीं किया।

सलेक्ट कमिटी को भेजने की मांग

किसान बिल पर चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का विरोध करती है और इसे सलेक्ट कमिटी को भेजने की मांग करती है। आपने कहा था कि किसानों की आय 2022 तक डबल हो जाएगी। पर अभी वर्तमान में जो रेट चल रहा है उसके हिसाब से किसान की आय 2028 तक डबल नहीं हो सकती। मैं भी बड़ी बातें कर सकता हूं।

कांग्रेस के विरोध पर भाजपा का जवाब

कांग्रेस की बातों का जवाब देते हुए बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव ने कहा कि दुनिया आगे बढ़ गई है लेकिन कांग्रेस के भाषण आज भी 70 के दशक वाले हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि आप जब सत्ता में थे, तब ग्रामीणों की आय कम क्यों थी... आप इन विधेयकों का विरोध क्यों कर रहे हैं? ये बिल किसानों के हित में हैं और उनके जीवन में बदलाव लाने वाला है। इस बिल को इस सदन से भी पास किया जाना चाहिए।

किसानों के लिए डेथ वारंट

राज्यसभा में कृषि विधेयकों पर कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि ये जो बिल हैं उन्हें कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से रिजेक्ट करती है। ये बिल हिंदुस्तान और विशेष तौर से पंजाब, हरियाणा और वेस्टर्न यूपी के जमींदारों के खिलाफ है। हम किसानों के इन डेथ वारंटों पर साइन करने के लिए किसी भी हाल में तैयार नहीं हैं।

राज्यसभा में कृषि विधेयक पेश

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि ये दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही कीमत पर बेचने के लिए आजाद होगा। इन विधेयकों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का अवसर मिलेगा।

The two Bills are historic & will bring a change in the lives of the farmers. The farmers will be able to freely trade their produce anywhere in the country. I want to assure the farmers that these Bills are not related to Minimum Support Price: Union Agriculture Minister https://t.co/BIY3G5NZMv" rel="nofollow— ANI (@ANI) September 20, 2020

कांग्रेस करेगी विधेयक का विरोध

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह साफ है कि इस सरकार का मकसद हमारे किसानों को नष्ट करना और कॉर्पोरेट की मदद करना है। हमारी पार्टी ने कृषि विधेयकों का विरोध करने का निर्णय लिया है। सरकार को विधेयकों पर पुनर्विचार करना होगा, कम से कम उन्हें इसे सिलेक्ट कमिटी को भेजना चाहिए।

आयुष्मान भारत योजना को लेकर शून्यकाल नोटिस

भारतीय जनता पार्टी की सांसद सरोज पांडे ने छत्तीसगढ़ राज्य में आयुष्मान भारत योजना को लागू करने की मांग को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया, जबकि भारतीय जनता पार्टी के सांसद विवेक ठाकुर ने 'सभी राज्यों में प्रस्तावित COVID-19 वैक्सीन के समान कार्यान्वयन पर स्पष्टता की आवश्यकता' को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया है।

कृषि विधेयक पेश करेगी सरकार

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 राज्यसभा में पेश करेंगे।

विरोध में वोट देगी टीआरएस

जानकारी के मुताबिक तेलंगाना के सीएम और टीआरएस के मुखिया के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि कृषि विधेयकों के खिलाफ यदि वोटिंग की नौबत आई तो उनकी पार्टी के सांसद विरोध में मत देंगे। इस संबंध में उन्होंने अपने सांसदों को निर्देश दे दिया है।

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