सोनिया गांधी को लिखे पत्र में शिवसेनानीत सरकार को आईना दिखाया फडणवीस ने, कहीं ये सब बातें
देवेंद्र फडणवीस का यह पत्र सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ‘मुंबई माडल’ की तारीफ किए जाने एवं स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में महाराष्ट्र की तारीफ किए जाने के चंद दिनों बाद लिखा गया है। कांग्रेस महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार का हिस्सा है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कोरोना काल में महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार की नाकामियां तो गिनाई ही हैं, राज्य की शिवसेनानीत सरकार को आईना भी दिखा दिया है।
देवेंद्र फडणवीस का यह पत्र सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ‘मुंबई माडल’ की तारीफ किए जाने एवं स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में महाराष्ट्र की तारीफ किए जाने के चंद दिनों बाद लिखा गया है। कांग्रेस महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार का हिस्सा है।
सोनिया गांधी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। इसी पत्र का संदर्भ लेते हुए देवेंद्र फडणवीस ने अपने पत्र में लिखा है कि अगर हम 13 मई, 2021 की बात करें तो देश के कुल कोरोना संक्रमण में 22 फीसद संक्रमण महाराष्ट्र का ही है (जो कई महीनों तक 30 फीसद से भी अधिक रहा है)। देश की कुल मौतों में भी महाराष्ट्र का आंकड़ा 31 फीसद पर आज भी बना हुआ है। अगर कोरोना के सक्रिय मरीजों की बात करें तो 14 फीसद अकेले महाराष्ट्र के हैं।
पत्र में फडणवीस कहते हैं कि उक्त परिस्थितियों को देखते हुए आप भी सहमत होंगी कि यदि महाराष्ट्र की स्थिति में जल्द सुधार होता है, तो देश के संसाधनों पर दबाव कम होगा और इस संकट से उबरने में मदद मिलेगी।
फडणवीस ने अपने पत्र में महाराष्ट्र सरकार पर कोरोना से हो रही मौतों के आंकड़ों में हेरफेर का भी गंभीर आरोप लगाया है। वह सरकार पर तंज कसते हुए लिखते हैं कि प्रदेश सरकार एवं मीडिया का एक वर्ग भले मुंबई को ही महाराष्ट्र समझने की भूल करता रहे, लेकिन यहां कोरोना के कारण होनेवाली मौतों को भी छुपाने का काम किया जा रहा है।
डेथ ड्यू टु अदर रीजन में भी जहां महाराष्ट्र के अन्य जिलों को मिलाकर 0.8 फीसद मौतें दर्ज की गईं, वहीं मुंबई सिर्फ मुंबई में यह 40 फीसद है। हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि इन मौतों को छुपाया जाय। मुंबई में प्रतिवर्ष होनेवाली सामान्य मौतों की संख्या औसतन 88,000 के आसपास है। लेकिन 2020 में इसमें 20,719 की वृद्धि हुई। इनमें कोरोना के कारण बताई गई मौतें 11,116 रहीं। इस प्रकार सिर्फ 2020 में ही 9,603 मौतें छुपाई गईं। यही क्रम इस वर्ष भी जारी है। फडणवीस सवाल करते हैं कि क्या इतने बड़े पैमाने पर मौतों को छिपाना ही ‘महाराष्ट्र माडल’ है ? फडणवीस लिखते हैं कि देश में रोज यदि 4000 मौतें रिकार्ड हो रही हैं, तो उनमें 850 अकेले महाराष्ट्र की हैं। यानी 22 फीसद मौतें सिर्फ महाराष्ट्र में हो रही हैं।
महाराष्ट्र के नेता अक्सर केंद्र पर पर्याप्त मदद न करने का आरोप लगाते रहते हैं। लेकिन फडणवीस कहते हैं कि महाराष्ट्र में भाजपा सरकार ने होने के बावजूद केंद्र की मोदी सरकार पूरी ताकत से महाराष्ट्र के साथ खड़ी है। देश भर में जो भी राहत और सहायता उपलब्ध कराई गई, उनमें महाराष्ट्र सबसे ऊपर है। महाराष्ट्र को 1.80 करोड़ वैक्सीन दी गई। आठ लाख से अधिक रेमडेसिविर दी गई। 1750 मीट्रिक टन आक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। वेंटीलेटर्स, बाइपैप तथा आक्सीजन कंसंट्रेटर भी बड़े पैमाने पर दिए गए। इसके बावजूद कुछ नेता मोदी सरकार पर टिप्पणी करने को ही अपने अंतिम लक्ष्य समझते हैं।
फडणवीस कहते हैं कि महाराष्ट्र में लोगों को रेमडेसिविर एवं आक्सीजन के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। उच्च न्यायालय की विभिन्न खंडपीठों को हस्तक्षेप कर रेमडेसिविर आपूर्ति के आदेश जारी करने पड़ रहे हैं। रेमडेसिविर की कालाबाजारी में सरकारी अस्पतालों के डाक्टर पकड़े जाते हैं, तो उनका पीसीआर तक नहीं मांगा जाता। फडणवीस कहते हैं कि महाराष्ट्र की प्रदेश सरकार में आपकी पार्टी भी शामिल है। केंद्र की सरकार पर टिप्पणी करते समय, जहां आपकी सरकारें हैं, वहां क्या चल रहा है, उस पर भी ध्यान देना आपका दायित्व बनता है।
फडणवीस के अनुसार भारतीय वैक्सीन को सिरे से नकारनेवाली कांग्रेस पार्टी एवं आपके मुख्यमंत्रीगण अब वैक्सीन पर राजनीति कर रहे हैं। जबकि भारत सरकार ने वैक्सीन निर्माण में अभूतपूर्व पहल की है। अगस्त से दिसंबर के बीच 200 करोड़ वैक्सीन निर्मित होंगी। मुझे खुशी है कि पहले विरोध करने के बाद अब भारतीय वैक्सीन पर स्वयं आपका एवं आपकी पार्टी का विश्वास बढ़ रहा है। अपेक्षा है कि इस संकट की घड़ी में आपकी पार्टी कोरी राजनीति छोड़कर रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।