शराबबंदी के विचार को लेकर मध्य प्रदेश में गरमाई सियासत, दिग्विजय के भाई भाजपा सरकार के साथ

उमा भारती चाहती हैं मध्य प्रदेश में शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद कर दी जाए। हालांकि उनके ट्वीट से सरकार पर नैतिक दबाव बन पाएगा इस पर नरोत्तम मिश्रा के बयान सवाल उठाते हैं। वे कहते हैं शराब सरकार के राजस्व का अहम हिस्सा है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 09:44 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 09:44 PM (IST)
शराबबंदी के विचार को लेकर मध्य प्रदेश में गरमाई सियासत, दिग्विजय के भाई भाजपा सरकार के साथ
लक्ष्मण सिंह ने मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर किया ट्वीट

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। मुरैना में जहरीली शराब से 24 लोगों की मौत के बाद मध्य प्रदेश में सियासत गरमा गई है। शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती नैतिक दबाव बना चुकी हैं तो गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा राजस्व को लेकर शराबबंदी के पक्ष में नहीं दिख रहे। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह का ट्वीट सरकार को राहत देने वाला है। उन्होंने शराबबंदी का विरोध किया है। इससे कांग्रेस के विरोध की धार कुंद हो गई है।

इसी बीच, मध्य प्रदेश में 20 फीसद नई शराब दुकानें खोले जाने के प्रस्ताव संबंधी पत्र को 24 घंटे के भीतर ही वापस लेना पड़ गया। यह प्रस्ताव भेजने को लेकर गुरवार को आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे ने प्रदेशभर के आबकारी अधिकारियों को पत्र जारी किया था। इसमें नई शराब दुकानों के लिए हर जिले से प्रस्ताव मांगे गए थे। शुक्रवार को इस पत्र को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया। प्रदेश में शराब की खपत कम करने की रणनीति और नशे के खिलाफ अभियान पर शिवराज सरकार धीरे-धीरे बढ़ती रही है। 2013 से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते रहे हैं कि शराब की नई दुकान नहीं खुलने देंगे।

नर्मदा नदी के किनारे, धार्मिक शहरों (पवित्र नगर) और शैक्षणिक संस्थानों के पास से शराब दुकानें हटाई गई हैं। इस बीच उज्जैन और मुरैना में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हो गई। इन घटनाओं ने एनडीए शासित गुजरात और बिहार की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी शराबबंदी की बहस तेज कर दी, जिसे सियासी रंग मिला उमा भारती के ट्वीट से।

शराब सरकार के राजस्व का अहम हिस्सा 

वे चाहती हैं मध्य प्रदेश में शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद कर दी जाए। हालांकि उनके ट्वीट से सरकार पर नैतिक दबाव बन पाएगा, इस पर नरोत्तम मिश्रा के बयान सवाल उठाते हैं। वे कहते हैं शराब सरकार के राजस्व का अहम हिस्सा है। इसे बंद करने से राजस्व पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। उनका यह मत सरकार से इसलिए भिन्न माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने इसे मात्र विचार बताते हुए कहा कि इस पर निर्णय लिया जाना शेष है, यानी सरकार शराबबंदी के खिलाफ भी है और राजस्व भी गंवाना नहीं चाहती।

शराब उत्पादन एक उद्योग : लक्ष्मण सिंह

लक्ष्मण ने कहा- आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए जरूरी शराबबंदी पर सियासत तेज होने के बाद भी सरकार को कांग्रेस से चुनौती मिलती नहीं दिख रही है। दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट कर एक तरह से सरकार को सहारा ही दिया है। उन्होंने शराबबंदी का विरोध करते हुए लिखा कि इससे राजस्व की हानि होगी। शराब उत्पादन एक उद्योग है, जो रोजगार और राजस्व देता है। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए यह जरूरी है। उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर भी तीखे हैं। वे स्पष्ट चेतावनी दे चुके हैं कि शराब से मौत के मामलों में किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।

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