कांग्रेस को छोड़ जी रेतिकुमार ने सीपीआई (एम) से मिलाया हाथ

कांग्रेस नेता जी रेतिकुमार (G Rethikumar) ने बुधवार को कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी से हाथ मिला लिया। रेतिकुमार केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व महासचिव हैं। उन्होंने आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान कर दिया। रेतिकुमार ने अपना इस्तीफा केपीसीसी के अध्यक्ष को भेज दिया।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 04:23 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 05:07 AM (IST)
कांग्रेस को छोड़ जी रेतिकुमार ने सीपीआई (एम) से मिलाया हाथ
कांग्रेस को छोड़ जी रेतिकुमार ने सीपीआई (एम) से मिलाया हाथ

तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। कांग्रेस नेता  जी रेतिकुमार (G Rethikumar) ने बुधवार को कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी से हाथ मिला लिया। रेतिकुमार केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व महासचिव हैं। उन्होंने आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान कर दिया। रेतिकुमार ने अपना इस्तीफा केपीसीसी के अध्यक्ष को भेज दिया। पिछले 40 सालों से रेतीकुमार पार्टी के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने अपने इस्तीफे में इस बात का भी जिक्र किया है कि उन्होंने केपीसीसी अध्यक्ष के सुधाकरण से संगठन के कुछ मुद्दों से जुड़ी बात करने की कोशिश की थी लेकिन यह हो नहीं पाया। इस्तीफे के बाद उन्होंने CPI(M) नेताओं से AKG सेंटर में मुलाकात की। यह सेंटर प्रदेश में CPI(M) का कार्यालय है। यहां उन्होंने मीडिया से बताया कि भविष्य में वे CPI(M)के साथ मिलकर काम करेंगे।

इससे पहले केरल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता केपी अनिल कुमार ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और सत्तारूढ़ पार्टी CPIM में शामिल हो गए। दरअसल सार्वजनिक रूप से राज्य के पार्टी नेतृत्व की आलोचना करने के लिए पार्टी से उउन्हें निलंबित कर दिया गया था। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव केपी अनिल कुमार ने तिरुवनंतपुरम में अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य इकाई के अधिकांश वर्तमान पदाधिकारियों ने उनके साथ सत्तावादी तरीके से व्यवहार किया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरन पर कुछ अन्य गंभीर आरोप भी लगाए।

वहीं कांग्रेस कमेटी के प्रमुख ने कहा कि कुमार को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था जिसके बाद उन्होंने सीपीआई (एम) को ‘वेस्ट बिन’ के समान बताया जो असंतुष्ट नेताओं को इकट्ठा कर रही है। बता दें कि कांग्रेस से ही एक और निष्कासित नेता पीएस प्रशांत माकपा में शामिल हो गए थे। नए नेतृत्व के बाद कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई में कलह चल रही थी और 28 अगस्त को जिला कांग्रेस अध्यक्षों की घोषणा के बाद स्थिति और खराब हो गई।

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